Punjab Politics: राजनीति में हाशिये पर चल रहे चन्नी क्या आ रहे भाजपा के नजदीक? कांग्रेस में क्यों मची खलबली
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाजपा के करीब जाने की खबर ने कांग्रेस में खलबली पैदा कर दी है। लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में हाशिये पर चल रहे चन्नी के भाजपा नेताओं के साथ संपर्क में होने की बात सामने आ रही थी।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Fri, 07 Apr 2023 10:50 PM (IST)
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाजपा के करीब जाने की खबर ने कांग्रेस में खलबली पैदा कर दी है। लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति में हाशिये पर चल रहे चन्नी के भाजपा नेताओं के साथ संपर्क में होने की बात सामने आ रही थी।
वहीं, भाजपा भी कांग्रेस छोड़ कर आए नेताओं से चन्नी के बारे में पूरा फीडबैक ले रहे थे। इसके बाद आनन-फानन में कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने चुन्नी से उनके निवास स्थान पर मुलाकात कर पार्टी को नुकसान होने से बचाने की कोशिश की।
भाजपा में जाने की बात की खारिज
वहीं, चन्नी ने भी भाजपा में जाने की चर्चाओं को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है, यह मनगढ़ंत बातें हैं जो उनके खिलाफ फैलाई जा रही हैं। जानकारी के अनुसार 2022 का विधान सभा चुनाव हारने के बाद पार्टी स्तर पर बड़ा फेरबदल हुआ। पार्टी ने प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को पद से हटाकर प्रदेश की कमान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को दे दीं। वहीं, हार के बाद चन्नी लंबे समय के लिए विदेश चले गए। चन्नी करीब 9 महीने बाद विदेश से वापस लौटे और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए।PM सुरक्षा चूक के समय CM थे चन्नी
चन्नी 19 जनवरी को पठानकोट में राहुल गांधी की रैली में भी शामिल हुए लेकिन उसके बाद से कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम से उन्होंने दूरी बना रखी थी। वहीं, जालंधर लोक सभा के उप चुनाव से पहले चन्नी के भाजपा नेताओं के संपर्क रहने की बात सामने आ रही थी।वहीं, भाजपा भी शुरुआती दौर में चन्नी में रुचि दिखा रही थी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा कांग्रेस से आए नेताओं से फीडबैक भी लिया गया। हालांकि भाजपा का एक वर्ग चन्नी को पार्टी में लेने के पक्ष में नहीं था। क्योंकि 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान जो उनके सुरक्षा में चूक हुई थी तब चन्नी ही पंजाब के मुख्यमंत्री थे।
जालंधर में 4 सीटों पर कांग्रेस को मिली थी जीत
जानकारी के अनुसार भाजपा इस बात का भी आकलन कर रही थी कि अगर चन्नी आते हैं तो जालंधर लोकसभा चुनाव में कितना असर पड़ेगा। क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 77 से 18 सीटों पर सिमट कर रह गई चन्नी का जादू जालंधर सीट पर दिखाई दिया था। यहां पर कांग्रेस को 4 सीटों पर विजय मिली थी। वहीं, सुशील रिंकू के बाद कांग्रेस किसी भी सूरत में चन्नी को अपने से दूर नहीं होने देना चाहती थी। क्योंकि अगर चन्नी पार्टी छोड़ते तो जालंधर सीट पर उसका सीधा असर देखने को मिल सकता हैं।
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