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Punjab Politics: संगरूर में मान की मोर्चाबंदी, विधायक दल के साथ बैठक कर बनाई रणनीति; नेताओं को किया चौकस

Punjab Politics जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव करीब आते जा रहे है वैसे-वैसे चुनावी तैयारियों को लेकर पार्टियां अलर्ट हैं। बीते दिन पंजाब के मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर लोकसभा चुनाव को लेकर संसदीय सीट के सभी विधायकों के साथ बैठक कर उन्हें चौकस रहने को कहा। इसी के साथ उन्होंने विधायक दल को आश्वस्त किया कि संगरूर में उनकी स्थिति मजबूत है।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 04 Apr 2024 09:12 AM (IST)
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Punjab Politics: संगरूर में मान की मोर्चाबंदी, विधायक दल के साथ बैठक कर बनाई रणनीति (File Photo)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Punjab Lok Sabha Election 2024: अपने गृह जिले संगरूर की सीट पर जीत सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) खास रणनीति तैयार कर रहे हैं। पिछली बार इस सीट पर उपचुनाव में मिली हार को देखते हुए वह इस बार कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहते। मुख्यमंत्री ने बुधवार को अपने आवास पर लोकसभा चुनाव को लेकर संसदीय सीट के सभी विधायकों के साथ बैठक कर उन्हें चौकस रहने को कहा।

बैठक में ये नेता रहे शामिल

बैठक में शामिल वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा, संगरूर की विधायक नरेंद्र कौर भराज, लहरागागा के विधायक बरिंदर कुमार गोयल, सुनाम के विधायक व मंत्री अमन अरोड़ा, उम्मीदवार व बरनाला के विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर, भदौड़ के विधायक लाभ सिंह उगोके, मालेरकोटला के विधायक मोहम्मद जमील-उर-रहमान और महलकलां से कुलवंत सिंह पंडोरी को हर स्थिति पर नजर रखने की हिदायत दी।

मुख्यमंत्री मान खुद इस संसदीय सीट की धूरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह इस सीट से सांसद भी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बैठक में विधायकों से उनके हलके के मुद्दों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने विधायकों से कहा कि अगले दिनों में उन्हें असम और गुजरात में प्रचार के लिए जाना है। अप्रैल महीने के अंत में वापस आकर सभी संसदीय क्षेत्रों में जाएंगे और मई में हर विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे।

संगरूर में आप की स्थिति मजबूत

बैठक में विधायकों ने सीएम को विश्वास दिलाया कि संगरूर में स्थिति काफी मजबूत है। काबिलेगौर है कि दो वर्ष पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान जो उस समय सांसद थे, के इस्तीफा देने के बाद से सीट खाली हुई थी।

इस सीट पर हुए उपचुनाव में शिअद अमृतसर के नेता सिमरनजीत सिंह मान विजयी रहे थे। इस चुनाव में सिद्धू मूसेवाला की हुई हत्या एक अहम चुनावी मुद्दा बन गया था, जिस कारण युवा पीढ़ी ने सरकार के खिलाफ मतदान किया था।

इस फजीहत को देखते हुए मुख्यमंत्री इस बार कोई गलती करना नहीं चाहते। उन्होंने सभी विधायकों से दिन रात एक करने को कहा है। बैठक के बाद प्रेस को जानकारी देते हुए मीत हेयर ने कहा कि हमारा किसी से निजी झगड़ा नहीं है। हमारी लड़ाई जनता के मुद्दों पर आधारित है। हम शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ लड़ रहे केजीरवाल

देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि अरविंद  केजरीवाल किस तरह भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ लड़ रहे हैं। भाजपा बेनकाब हो रही है। जनता ने पहले भी तानाशाही राजनेताओं को हराया है और इस बार भी जनता लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को सत्ता से बाहर करेगी।

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इस दौरान हरपाल चीमा ने कहा कि हम पंजाब के लोगों से अपने काम के आधार पर हमें वोट देने के लिए कहेंगे। मान सरकार ने पंजाब में पांच प्रमुख चुनावी गारंटियों में से चार को पूरा किया, जबकि पारंपरिक पार्टियों की सरकारें तब तक काम शुरू नहीं करतीं जब तक कि अगला चुनाव न आ जाए।

अमृतसर में नेताओं से बैठक कर की चर्चा

चीमा ने कहा कि पंजाब के लोग इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि भाजपा हमारे राज्य के साथ भेदभाव करती है। वे हमारे फंड जारी करने से इन्कार कर रहे हैं और किसान विरोधी बिल ला रहे हैं। जब हमारे किसान केंद्र से अपना हक मांगने गए तो उनके साथ कैसा व्यवहार हुआ, यह हर पंजाबी को याद है।

उधर, पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने भी अपने स्तर पर विधायकों, पार्टी के नेताओं और संसदीय उम्मीदवारों के साथ अलग अलग बैठकें शुरू कर दी हैं। मंगलवार को उन्होंने लुधियाना तथा बुधवार को जालंधर और अमृतसर में नेताओं से बैठक कर चुनाव पर चर्चा की। इस बैठक में विधायक, जिला प्रधान, हलका प्रभारी आदि मौजूद थे।

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