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Punjab Politics: कांग्रेसियों की घर वापसी से भाजपा की हो रही किरकिरी, केंद्रीय नेतृत्व पर उठ रहे सवाल

कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में आए नेता पुन अपने घर को लौट गए है। कांग्रेसी नेताओं के अचानक ही पार्टी छोड़ने से जहां भाजपा की किरकिरी हुई है। वहीं भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर भी सवाल खड़े हो गए है। क्योंकि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा का दामन पकड़ा था।

By Inderpreet Singh Edited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Mon, 16 Oct 2023 09:44 PM (IST)
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कांग्रेसियों की घर वापसी से भाजपा की हो रही किरकिरी, File Photo

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में आए नेता पुन: अपने घर को लौट गए है। कांग्रेसी नेताओं के अचानक ही पार्टी छोड़ने से जहां भाजपा की किरकिरी हुई है। वहीं, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर भी सवाल खड़े हो गए है। क्योंकि विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में कांग्रेस की हार के बाद एक दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा का दामन पकड़ा था। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने भी प्रदेश इकाई को नजरअंदाज कर धड़ा-धड़ इन नेताओं को पार्टी में लिया और संगठन में महत्वपूर्ण पद दिए।

वहीं, कांग्रेसियों के घर वापसी से भाजपा की 2024 की लोक सभा चुनाव को लेकर चल रही तैयारियां भी गड़बड़ा गई है।

नाराजगी का सामना कर रहे जाखड़

महत्वपूर्ण बात यह है कि बलबीर सिद्धू, राजकुमार वेरका, गुरप्रीत कांगड़, अमरजीत जीती सरीखे नेताओं ने पुन: कांग्रेस में जाकर भाजपा की परेशानी बढ़ा दी। क्योंकि भाजपा का एक वर्ग शुरू से इस बात को लेकर नाराज था कि कांग्रेस से आए नेताओं को पार्टी में ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ जोकि खुद कांग्रेस से आए हैं, को भी इस नाराजगी का सामना करना पड़ा।

भाजपा पर खड़े हो रहे सवाल

हालांकि जाखड़ ने संगठन को तैयार करते समय कांग्रेस से आए नेताओं और भाजपा के पुराने चेहरों में संतुलन बनाने की कोशिश तो की लेकिन फिर भी वह निशाने पर रहे। वहीं, कांग्रेस नेताओं की वापसी से केंद्रीय नेतृत्व पर भाजपा के नेता अंदर खाते सवाल खड़े कर रहे है। क्योंकि कांग्रेस के नेताओं को पार्टी ज्वाइन करवाते समय पंजाब के नेताओं को भी जानकारी नहीं दी जाती थी। कांग्रेस से आए नेता सीधे दिल्ली में पार्टी ज्वाइन करते। जिसके बाद ही प्रदेश के नेताओं को ज्वाइनिंग के बारे में पता चलता।

117 में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ती थी भाजपा

हालांकि भाजपा के वरिष्ठ नेता यह कह कर अपना बचाव करते रहे कि 23 सीटों से जब 117 सीटों पर जाना है तो भाजपा को नए चेहरों को पार्टी में शामिल ही करना पड़ेगा। बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन में रहते हुए भाजपा पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 23 सीटों पर चुनाव लड़ती थी।

भाजपा छोड़ 9 नेता वापस कांग्रेस में गए

वहीं, कांग्रेसी नेताओं के घर वापसी से भाजपा की राजनीतिक गणित भी बिगड़ रही है। क्योंकि भाजपा कांग्रेस और अकाली दल के कई नेताओं के साथ संपर्क में थी। वर्तमान स्थिति से इन नेताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई कि आखिर कोई न कोई कारण तो होगा कि अचानक ही भाजपा और अकाली दल से 9 नेता वापस कांग्रेस में चले गए। जबकि प्रदेश की कमान खुद सुनील जाखड़ कर रहे है।

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कांग्रेस ने पार्टी ज्वाइन नहीं करवाई है

कांग्रेसी नेताओं के वापसी से भाजपा के विस्तार की गणित बिगड़ गई है। क्योंकि तमाम कोशिश के बावजूद भाजपा को अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में करंट नहीं मिल पा रहा है। सुनील जाखड़ कहते हैं, जो वापस गए असली कारण तो वह ही बता पाएंगे। निश्चित रूप से उनकी कुछ आकांक्षाएं रही होगी जो भाजपा में पूरी नहीं हो पा रही होंगी। जबकि पार्टी ने उन्हें पूरा सम्मान दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग वापस गए कांग्रेस ने अभी तक उन्हें पार्टी ज्वाइन नहीं करवाई है। कल भले ही वह पार्टी ज्वाइन कर लें लेकिन आज उनकी विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है।