Punjab Politics: कांग्रेस के पूर्व नेता दूलो ने पीएम मोदी से की मुलाकात, भाजपा में शामिल होने की चर्चा गर्म
Punjab Politics कांग्रेस के पूर्व नेता दूलो ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच लंबी राजनीतिक चर्चा भी हुई। इस मुलाकात के साथ दूलो की भाजपा के साथ करीब जाने की चर्चा भी गर्म हो गई है। जिसका मुख्य कारण यह भी है कि दूलो लंबे समय से पार्टी द्वारा नजरंदाज किए जाने से नाराज चल रहे है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान व पूर्व राज्य सभा सदस्य शमशेर सिंह दूलो ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। बनारस में संत रविदास के समारोह में प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि थे। इस दौरान दूलो की उनके साथ मुलाकात हुई।
दोनों नेताओं के बीच लंबी राजनीतिक चर्चा भी हुई। इस मुलाकात के साथ दूलो की भाजपा के साथ करीब जाने की चर्चा भी गर्म हो गई है। जिसका मुख्य कारण यह भी है कि दूलो लंबे समय से पार्टी द्वारा नजरंदाज किए जाने से नाराज चल रहे है।
दूलो नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी
अहम बात यह है कि दलित नेता दूलो इन दिनों पूर्व प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के काफी करीब है। पहले सिद्धू के भाजपा में पुनः जाने की चर्चा हुई। हालांकि सिद्धू ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया। 76 वर्षीय दूलो पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से भी मिले थे। सूत्र बताते हैं कि प्रधानमंत्री के साथ उनकी मुलाकात में योगी आदित्य नाथ की भी अहम भूमिका है।यह भी पढ़ें: 'खनौरी सीमा से उठाकर किसान का पैर और मुंह तोड़ा, नहीं दी गई कोई मेडिकल सेवा...'; मजीठिया के हरियाणा पुलिस पर संगीन आरोप
कांग्रेस से नाराज दूलो
दूलो भी संत रविदास जी को लेकर बनारस में मनाए जाने वाले समारोह में हिस्सा लेने के लिए गए हुए थे। कांग्रेस भले ही दूलो को चला हुआ कारतूस मान रही हो लेकिन वह पुन: अपनी राजनीतिक जमीन को तलाश रहे है। बता दें कि दूलो को 2003 में उस समय पार्टी की कमान सौंपी गई थी जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह थे।यह भी पढ़ें: Punjab: 'भाजपा AAP पर आईएनडीआईए गठबंधन छोड़ने का बना रही दबाव...', कैबिनेट मंत्री चीमा ने BJP पर लगाया आरोपदूलो और कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए सिद्धूांतो की लड़ाई लंबे समय तक चलती रही। बाद में वह कांग्रेस के टिकट पर राज्य सभा के सदस्य भी रहे। शमशेर सिंह दूलो कांग्रेस से नाराज बताए जा रहे है। क्योंकि पार्टी की ओर से सीनियर नेताओं को बनता मान सम्मान नहीं दिया जा रहा है।
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