Punjab Politics: प्रदेश अध्यक्ष बनने को लेकर भाजपा में लॉबिंग, पार्टी हाईकमान के पास आखिर क्या है मजबूरी?
Punjab Politics पंजाब बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लॉबिंग चल रही है। बीजेपी के कई नेता सुनील जाखड़ को हटाने की कोशिश में हैं। लेकिन पार्टी हाईकमान के पास अलग ही मजबूरी है। बीजेपी के पास सुनील जाखड़ के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा है। जिससे पार्टी परिवर्तन के मूड में नहीं है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन खास नहीं रहा था।
कैलाश नाथ, चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी में प्रदेश प्रधान बनने को लेकर जोरदार लॉबिंग चल रही है। इस लॉबिंग का मूल आधार राष्ट्रीय स्तर पर होने वाला बदलाव है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो चुका है और वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल हो चुके हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले बदलाव को देखते हुए पंजाब भाजपा का एक धड़ा प्रदेश प्रधान को भी बदलने को लेकर लॉबिंग में जुटा हुआ है। हालांकि, पार्टी हाईकमान की तरफ से इस बात के अभी तक कोई संकेत नहीं दिए गए हैं कि पंजाब में भी कोई बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन बेहद खराब
भाजपा के प्रदेश प्रधान की कमान सुनील जाखड़ ने 11 जुलाई 2023 को संभाली थी। उनके नेतृत्व में मुख्य रूप से लोकसभा और जालंधर में विधानसभा का उपचुनाव लड़ा गया।
शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा पहली बार लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ी थी। चुनाव में भाजपा को भले ही कोई सीट नहीं मिली हो, लेकिन पार्टी का वोट शेयर 18.57 फीसदी रहा।
पीएम मोदी ने की थी सराहना
तीन लोकसभा सीटों गुरदासपुर, जालंधर और लुधियाना में पार्टी दूसरे नंबर पर रही। जबकि अमृतसर, होशियारपुर, श्री आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर और पटियाला में पार्टी के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। वोटर शेयर में शिरोमणि अकाली दल को पछाड़ने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पंजाब भाजपा के प्रदर्शन की सराहना की थी।
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बीजेपी के पास बड़ा चेहरा नहीं
भाजपा का एक धड़ा भले ही सुनील जाखड़ को प्रदेश प्रधान पद से हटाने के लिए लाबिंग कर रहा हो लेकिन भाजपा की परेशानी यह है कि उसके पास कोई ऐसा बड़ा चेहरा नहीं हैं। जो गांव और शहर में सामान्य रूप से पहचान रखता हो। लोक सभा चुनाव के दौरान भी भाजपा की सबसे कमजोर नब्ज गांव थी।
पंजाब में बदलाव के मूड में नहीं पार्टी
भाजपा ने भले ही लोक सभा चुनाव में 23 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की हो, लेकिन इसमें से मात्र फिरोजपुर लोकसभा सीट के तहत आती बल्लुआणा ही एक मात्र ऐसी देहाती सीट थी, जहां भाजपा ने बढ़त बनाई हो। ग्रामीण क्षेत्र अभी भी भाजपा की कमजोर कड़ी बनी हुई है।
वहीं, चुनाव के दौरान भाजपा के प्रत्याशियों को कांग्रेस संगठनों का विरोध का भी सामना करना पड़ा था। पार्टी सूत्र बताते हैं कि भले ही प्रदेश प्रधान को लेकर पार्टी में लॉबिंग चल रही हो लेकिन हाईकमान फिलहाल पंजाब में कोई बदलाव करने के मूड में नहीं हैं।
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