Punjab: 'दम है तो गुरदासपुर से चुनाव लड़ें', बाजवा की सुनील जाखड़ को चुनौती; मनप्रीत बादल पर भी साधा निशाना
Partap Singh Bajwa कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि 2017 में जब पूरी कांग्रेस जीत गई तो जाखड़ को लोगों ने नकार दिया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें साढ़े चार साल तक प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी। बाजवा ने जाखड़ को गुरदासपुर से चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे डाली।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Punjab Politics विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ को चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह गुरदासपुर से चुनाव लड़ें। बाजवा ने यह चुनौती भी तब दी है जब गुरदासपुर के भाजपा सांसद व फिल्मी कलाकार सनी दिओल ने अगला चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं, सुनील जाखड़ भी आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं।
दूसरी ओर, प्रताप सिंह बाजवा ने कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पर भी जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि मनप्रीत वह नेता हैं, जिस पार्टी में जाते हैं, उसका भोग पड़ जाता है। बाजवा मंगलवार को पंजाब सरकार द्वारा पंचायतों को भंग करने के खिलाफ दिए गए राज्य स्तरीय धरने में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
'मनप्रीत जिस पार्टी में जाते हैं...'
पूर्व वित्त मंत्री पर हमला करते हुए बाजवा ने कहा, "मनप्रीत जिस पार्टी में जाते हैं, उस पार्टी का भोग पड़ जाता है। शिरोमणि अकाली दल का भोग डालने के मुख्य आर्किटेक मनप्रीत ही थे। कांग्रेस पार्टी से भी गलती हुई। कांग्रेस का भोग डालने के बाद अब वह भाजपा में चले गए हैं। मनप्रीत बादल अंतिम अरदास करने के प्रोफेशनल हैं।"
सुनील जाखड़ पर साधा निशाना
भाजपा के प्रदेश प्रधान पर निशाना साधते हुए बाजवा ने कहा, "सुनील जाखड़ ने घोषणा की है कि उनको छोड़ कर पूरी भाजपा चुनाव लड़ेगी।" नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर जाखड़ में हिम्मत है तो वह गुरदासपुर से चुनाव लड़ें। बाजवा यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, "2017 में जब पूरी कांग्रेस जीत गई तो जाखड़ को लोगों ने नकार दिया। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें साढ़े चार साल तक प्रदेश प्रधान की जिम्मेदारी सौंपी। अब वह भाजपा की गोद में बैठ गए हैं।
कांग्रेस नेताओं को एकजुट करने की कोशिश
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग धरनों के जरिये पार्टी के नेताओं को एकजुट करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। बाढ़ के कारण हुए नुकसान के मुआवजे और कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक को बर्खास्त करने को लेकर करीब छह धरने लगा चुके वड़िंग ने पंजाब सरकार द्वारा पंचायतों को भंग करने के विरुद्ध मंगलवार को धरना दिया। जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल हुए। वड़िंग की अगुवाई में दिए जा रहे धरने से जहां कांग्रेस के नेताओं की आपसी दूरी कम हो रही है। वहीं, कार्यकर्ताओं में भी उत्साह बढ़ रहा है।