Punjab Politics: पंजाब में BJP की हार के लिए कौन जिम्मेदार? AAP ने खोली पोल, सुनील जाखड़ के CM आवास वाले बयान पर साधा निशाना
Punjab Politics पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने सुनील जाखड़ पर जमकर निशाना साधा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आप नेता ने सीएम भगवंत मान द्वारा सीएम आवास छोड़ने की अफवाहों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह सुनील जाखड़ जैसे लोगों की सोच है। उन्हें खुद आत्ममंथन करना चाहिए। उनके जूनियर रवनीत सिंह बिट्टू को आगे कर दिए लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के भ्रामक बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि शायद भाजपा और जाखड़ ने चार जून के नतीजों से कुछ नहीं सीखा है। आप प्रवक्ता नील गर्ग, डॉ. सनी आहलूवालिया और बब्बी बादल ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि सुनील जाखड़ ने हमेशा पंजाब और यहां के लोगों के वास्तविक मुद्दों पर अपने स्वार्थी एजेंडे को प्राथमिकता दी है।
नील गर्ग ने कहा कि जाखड़ ने कांग्रेस इसलिए छोड़ी, क्योंकि वह मुख्यमंत्री की कुर्सी की दौड़ में नहीं थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने तो भाजपा जहां पहले दो-तीन लोकसभा सीटें जीत लेती थी, वह अब एक भी सीट नहीं जीत पाई। भाजपा की इस हार के लिए सुनील जाखड़ ही जिम्मेदार हैं और उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
'बीजेपी को लोगों ने खारिज कर दिया'
यही नहीं जाखड़ को इस बात पर भी आत्ममंथन करना चाहिए कि उनको नजरंदाज कर उनके जूनियर रवनीत बिट्टू को केंद्र में मंत्री बना दिया गया। यह इस बात की ओर संकेत करती है कि भविष्य में भाजपा में भी जाखड़ के लिए कोई जगह नहीं है।गर्ग ने कहा कि भाजपा को भारत के लोगों विशेष रूप से पंजाब के लोगों ने खारिज कर दिया है। इसका बड़ा कारण यह है कि भाजपा ने हमेश ध्रुवीकरण की राजनीति की और लोगों के असली मुद्दों महंगाई, बेरजगारी और गरीबी पर कभी बात तक नहीं की।
'सिलेक्टेड और इलेक्टेड में फर्क नहीं पता'
उन्होंने कहा कि जाखड़ पंजाब में भाजपा के वोट शेयर में वृद्धि के बारे में भ्रमित हैं। पहले भाजपा पंजाब में शिअद से गठबंधन होने के कारण केवल तीन सीटों पर चुनाव लड़ती थी। इस बार सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़े तो उनके वोट प्रतिशत में मामूली वृद्धि हुई।डॉ. सनी आहलूवालिया ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को तीन करोड़ पंजाबियों ने सबसे बड़े और ऐतिहासिक जनादेश के साथ चुना है, लेकिन सुनील जाखड़ को सिलेक्टेड और इलेक्टेड में फर्क नहीं पता।
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