Punjab: पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी को HC से राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में जमानत की मांग स्वीकार
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। हाई कोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने सोनी की नियमित जमानत की मांग को स्वीकार कर लिया है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी ने जमानत के लिए हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी। इस मामले में एफआईआर के बाद विजिलेंस ने 9 जुलाई को सोनी को गिरफ्तार कर लिया था।
By Kailash Nath Edited By: Himani SharmaUpdated: Sat, 14 Oct 2023 09:55 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पंजाब के पूर्व उप मुख्य मंत्री ओपी सोनी को शुक्रवार को हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। हाई कोर्ट के जस्टिस विकास बहल ने सोनी की नियमित जमानत की मांग को स्वीकार कर लिया है। डीएसपी विजिलेंस ने उनकी याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए जमानत का विरोध किया था। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री ओपी सोनी ने जमानत के लिए हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी।
2016 से 31 मार्च 2022 का मामला
विजिलेंस के अनुसार एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 के बीच सोनी और उनके परिवार की आय 4.52 करोड़ रुपये थी, जबकि खर्च 12.48 करोड़ था। उनका खर्च उनकी आय के ज्ञात माध्यमों से 176.08 प्रतिशत अधिक था। विजिलेंस के अनुसार इस अवधि के दौरान आरोपी ओपी सोनी ने अपनी पत्नी सुमन सोनी और बेटे राघव सोनी के नाम पर संपत्तियां बनाईं।यह भी पढ़ें: Punjab: ग्रामीण विकास विभाग में 121 करोड़ का घोटाला, मंत्री भुल्लर ने किया दावा; विजिलेंस को सौंपी जांच
9 जुलाई को सोनी को किया गया था अरेस्ट
इस मामले में एफआईआर के बाद विजिलेंस ने 9 जुलाई को सोनी को गिरफ्तार कर लिया था। जमानत की मांग को लेकर सोनी ने अमृतसर की अदालत में याचिका दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया। अदालत ने कहा था कि यह नहीं कहा जा सकता है कि सोनी के खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया पूरी तरह से झूठे हैं। इसके बाद अब सोनी ने नियमित जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है।
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9 जुलाई को सोनी की गिरफ्तारी के बाद निचली अदालत ने विजिलेंस को उनकी दो दिन की रिमांड दी थी, लेकिन बेचैनी की शिकायत के बाद उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 17 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी के बाद उन्हें विजिलेंस की हिरासत में भेज दिया गया था। सोनी पांच बार विधायक रहे, जो 2022 के चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार से हार गए थे, पिछले कांग्रेस शासन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण पद पर रहे।
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