Punjab News: पंजाब की सड़क सुरक्षा फोर्स बनी जीवन रक्षक, सड़क दुर्घटनाओं में आई 25 फीसदी की कमी
लोगों को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित फोर्स की शुरुआत करने वाला पंजाब पहला राज्य बना है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का मानना हैं कि फोर्स लोगों की जान बचाने के साथ-साथ यातायात की व्यवस्था को सुचारू बनाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रही है। सड़क सुरक्षा फोर्स 5500 किलोमीटर राज्य और राष्ट्रीय मार्गों को कवर कर रही है।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। मान सरकार सड़क हादसों में मौत दर कम करने और जीवन बचाने के लिए प्राथमिक कीमती समय (गोल्डन ऑवर) के दौरान इलाज मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है और हाल ही में शुरू की गई 'फरिश्ते योजना', 'सड़क सुरक्षा फोर्स' का गठन और स्वास्थ्य विभाग को नई एम्बुलेंस उपलब्ध कराना इस दिशा में उठाए गए अहम कदम हैं। इस तरह के प्रयासों से सड़क हादसों में 25 फीसदी की कमी आई है।
पंजाब सरकार 2025 तक सड़क हादसों में होने वाली मौतों की दर 50 फीसदी तक कम करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रही है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सभी जिला अधिकारियों से पीड़ितों की जान बचाने के कार्य को मिशन के रूप में अपनाने के लिए कहा गया है। जरूरतमंद पीड़ित या मृत व्यक्ति के वारिसों को सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान की जाने वाली राशि मिल जाती है तो संबंधित पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से सशक्त होकर अपना जीवन यापन कर सकता है।
लोगों को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित फोर्स की शुरुआत करने वाला पंजाब पहला राज्य बना है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का मानना हैं कि फोर्स लोगों की जान बचाने के साथ-साथ यातायात की व्यवस्था को सुचारू बनाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रही है। सड़क सुरक्षा फोर्स 5500 किलोमीटर राज्य और राष्ट्रीय मार्गों को कवर कर रही है।
फोर्स में महिलाएं भी हैं
सड़क सुरक्षा फोर्स में अहम पहलू यह भी है कि इसमें महिलाओं को भी शामिल किया गया है। सड़क सुरक्षा फोर्स के वाहनों के 90 चालक लड़कियां हैं। सड़क दुर्घटना में महिलाओं के घायल होने पर ये महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं। इसलिए खास तौर पर फोर्स में महिलाओं को भी लिया गया है। इन्हें भी पुरुषों की तरह ट्रेनिंग की दी गई है।
सड़क सुरक्षा फोर्स के गठन के बाद पंजाब में पिछले वर्ष की तुलना में मौत दर 45 फीसदी कम हुई है। फरिश्ते योजना के तहत 500 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जहां सड़क हादसों के पीड़ितों का पूरा इलाज मुफ्त किया जाता है, वहीं सभी जिला अधिकारियों से इस योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समाजसेवी संस्थाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया गया है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा संबंधित उठाए गए कदमों जैसे फरिश्ते योजना को लागू करना, सड़क सुरक्षा बल का गठन, एम्बुलेंस और पेट्रोलिंग के लिए हाईटेक वाहनों की उपलब्धता के बाद अब 'गोल्डन ऑवर' से आगे 'प्लैटिनम टाइम्स' की बात की जानी चाहिए। आपातकालीन देखभाल, एम्बुलेंस सिस्टम और ट्रॉमा केयर को सुधारने से सड़क हादसों में होने वाली मौतों को 30 फीसदी तक कम किया जा सकता है। उन्होंने जिला अधिकारियों से पीड़ितों की जान बचाने वाले व्यक्तियों से संबंधित केस, सड़क सुरक्षा लीड एजेंसी 'पंजाब सड़क सुरक्षा कौंसिल' को भेजने का आग्रह किया ताकि उन्हें सरकार द्वारा उचित सम्मान दिया जा सके।