Move to Jagran APP

BJP के साथ गठबंधन में नफा-नुकसान आंक रहा अकाली दल, Sukhbir Badal ने की सीनियर लीडरशिप से बातचीत

शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को इसी संबंध में पार्टी की सीनियर लीडरशिप से बातचीत भी की। बैठक में बिक्रम मजीठिया महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल विरसा सिंह वल्टोहा डॉ. दलजीत सिंह चीमा सिकंदर सिंह मलूका और सुरजीत सिंह रखड़ा जैसे नेता शामिल थे।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Wed, 05 Jul 2023 10:16 PM (IST)
Hero Image
BJP के साथ गठबंधन में नफा-नुकसान आंक रहा अकाली दल, सुखबीर बादल ने की सीनियर लीडरशिप से बातचीत

चंडीगढ़, इन्द्रपीत सिंह। SAD BJP Alliance शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच फिर से होने जा रहे गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों के बीच विदेश से लौटे पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने आज चंडीगढ़ में अपने आवास पर पहले सीनियर नेताओं के साथ एक-एक करके बातचीत की और उसके बाद पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बात हुई।

इस बैठक में बिक्रम मजीठिया, महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल, विरसा सिंह वल्टोहा, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, सिकंदर सिंह मलूका और सुरजीत सिंह रखड़ा जैसे नेता शामिल थे। हालांकि इस बैठक में हुई चर्चा को काफी गुप्त रखा जा रहा है और पार्टी के नेता इसे रुटीन बैठक बता रहे हैं। लेकिन विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि भाजपा के साथ गठबंधन करने, सीटों के लेन-देन का नए सिरे से आकलन करने और गठबंधन होने की सूरत में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी विचार किया जा रहा है।

गठबंधन को लेकर आगे बढ़ रही बात

इस बात पर भी चर्चा हुई है कि गठजोड़ के दौरान अपनी नेगोसिएशन पावर कैसे बढ़ाई जाए। यही नहीं, पार्टी अभी तुरंत गठबंधन करने के मूड़ भी नहीं है लेकिन गठबंधन को लेकर बात आगे जरूर बढ़ रही है। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल जो कई दिनों बाद विदेश से लौटे हैं ने इन नेताओं से पिछले दिनों हुई गतिविधियों पर भी बात की है साथ ही पार्टी भविष्य में किस रूप में आगे बढ़े इसको लेकर भी मंथन किया गया है।

पार्टी के उपप्रधान डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि पार्टी भविष्य की रणनीति तय करने और बदल रही परिस्थितियों पर अपने काडर से भी बात करना चाहती है इसके लिए 6 जुलाई को पार्टी मुख्यालय में सभी जिला प्रधान और हलका प्रभारियों के साथ भी बैठक करने जा रही है। साफ है कि शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेताओं पर कार्यकर्ताओं को मोबालाइज करने का भी दबाव है।

पार्टी नेता बोले- रुटीन बैठक है

जिला प्रधानों और हलका प्रभारियों के साथ 6 जुलाई को होने वाली बैठक में इस रणनीति पर भी विचार किया जाएगा। पार्टी के नेता महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने भी आज की बैठक को रुटीन की बैठक बताते हुए कहा कि सुखबीर कई दिनों से विदेश में थे इसलिए उनके लौटने पर हमने अनौपचारिक तौर पर प्रदेश की राजनीति पर चर्चा की है जिसमें गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन करने जैसे मामले पर भी विचार किया गया।

विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि शिअद और भाजपा के गठबंधन के संबंध में आज कोई चर्चा नहीं हुई है। सुनील जाखड़ के भाजपा के प्रधान बनने के बाद लगभग ऐसा ही दबाव उन पर भी है कि कैसे कार्यकर्ताओं को मोबलाइज करने के लिए आने वाले दिनों में रणनीति बनाई जाए। जाखड़ का कहना है कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं में बोलने का दम नहीं है। पंजाब में भाजपा ही प्रमुख विरोधी दल की भूमिका निभाएगी।

SAD-BJP में गठबंधन हुआ तो क्या होगा

शिअद और भाजपा के बीच होने वाले इस गठबंधन से पंजाब की राजनीति में भी बड़ा बदलाव होने के संकेत हैं। 2024 का जो चुनाव बहुकोणीय होता दिख रहा था, अब संभावी गठबंधन को देखते हुए इसके तिकोने होने के आसार हैं। भाजपा की कमान अब सुनील जाखड़ के हाथ में आने से पार्टी अपनी रणनीति भी बदलेगी। नई टीम का गठन होना है जिसमें लिए जाने वाले नेताओं से ही साफ होगा कि क्या भाजपा अपने काडर को ज्यादा तवज्जो देगी या फिर कांग्रेस सहित दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को एडजस्ट करके नया दांव खेलेगी। सुनील जाखड़ को कैप्टन अमरिंदर सिंह का फिर से साथ मिल सकता है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें