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Stubble Management: पराली प्रबंधन पर केंद्र के साथ मिलकर रणनीति बनाएंगे पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली

पराली प्रबंधन पर पंजाब उत्तर प्रदेश हरियाणा व दिल्ली केंद्र के साथ मिलकर रणनीति बनाएंगे। सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों मुख्य सचिवों और कृषि सचिवों की तीन जुलाई को बैठक बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे। कृषि मंत्रालय ने राज्य से छह एजेंडों पर प्रजेंटेशन मांगी है। पंजाब सरकार की ओर से कृषि विभाग के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा प्रजेंटेशन देंगे।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sat, 01 Jul 2023 09:24 PM (IST)
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पराली प्रबंधन पर केंद्र के साथ मिलकर रणनीति बनाएंगे पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान की रोपाई का काम इन दिनों जोरों शोरों से चल रहा है लेकिन केंद्र सरकार की असल चिंता अक्टूबर महीने में पराली जलने की घटनाओं को रोकने को लेकर है।

कृषि मंत्रालय ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने की तैयारी करने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्रियों, मुख्य सचिवों और कृषि सचिवों की तीन जुलाई को बैठक बुला ली है जिसमें ये राज्य अब तक किए गए कामों पर अपना प्रस्तुतिकरण भी देंगे साथ ही यह भी बताएंगे कि पिछले सालों के मुकाबले कितने फीसदी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में सफलता मिली है।

नरेंद्र तोमर करेंगे बैठक की अध्यक्षता

इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर करेंगे। कृषि मंत्रालय ने राज्य से छह एजेंडों पर प्रजेंटेशन मांगी है। पंजाब सरकार की ओर से कृषि विभाग के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी केएपी सिन्हा प्रजेंटेशन देंगे। खासतौर पर इन सभी संबंधित राज्यों को धान की रोपाई के बाद औसतन कितनी पराली होगी और उसके निस्तारण का क्या कार्यक्रम है इस बारे में बताना होगा।

राज्यों से मांगा गया डाटा

पराली निस्तारण के लिए केंद्र सरकार की ओर से मशीनरी खरीदने के लिए भेजी गई राशि का कितना उपयोग किया गया है और कितनी बची हुई है इस पर भी इन राज्यों से डाटा मांगा गया है। केंद्र सरकार ने बायो-डी कंपोजर पर भी डाटा मांगा है और पूछा है कि इसका पराली का खेत में ही निस्तारण करने की योजना को लेकर अब तक क्या हुआ है और यह कितना कामयाब है। कितने किसान इसको अपना रहे हैं और न अपनाने को लेकर उनके मन में क्या संदेह है।

पराली का बायो एनर्जी आदि यूनिटों में कितना उपयोग हो रहा है और कितने ऐसे यूनिट और लग रहे हैं। इस तरह के कई और मुद्दे भी इस बैठक में चर्चा में लिए जाएंगे। पंजाब की ओर से विशेष मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा प्रस्तुतिकरण देंगे।

पता चला है कि इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री पर्यावरण मंत्री ने इन्हीं राज्यों के साथ बैठक की थी लेकिन तब पंजाब का नंबर नहीं आया था। अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर पंजाब पर ज्यादा फोकस करना चाहते हैं क्योंकि पंजाब में अन्य सभी राज्यों से ज्यादा धान की पैदावार होती है और यहीं पर सबसे ज्यादा जलाई जाती है। पंजाब में 180 लाख टन पराली होती है जिसमें से मात्र दस फीसदी का ही व्यवसायिक उपयोग है।

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