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Punjab News: विजिलेंस ने कसा मौजूदा और पूर्व नौकरशाहों पर शिकंजा, रडार पर 100 से ज्यादा अधिकारी

पंजाब में सात से ज्यादा मौजूदा और पूर्व आइएएस अधिकारियों पर जांच चल रही है। दो के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा चुका है। वहीं एक आइएएस अधिकारी गिरफ्तार हो चुका है। विजिलेंस के रडार पर 100 से ज्यादा अधिकारी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 07 May 2023 08:51 PM (IST)
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विजिलेंस ने कसा मौजूदा और पूर्व नौकरशाहों पर शिकंजा

चंडीगढ़, रोहित कुमार। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पिछले दस महीनों में आईएएस और पीसीएस अधिकारियों पर शिकंजा कसा है। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है। ब्यूरो अब तक सात से ज्यादा मौजूदा व पूर्व आइएएस अधिकारियों व उनके रिश्तेदारों पर कार्रवाई कर चुका है। जानकारी के मुताबिक, विजिलेंस के राडार पर 100 से ज्यादा अधिकारी हैं।

इन पर कार्रवाई करने के लिए भ्रष्टाचार उन्मूलन एक्ट 1988 की धारा 17-ए के मुताबिक, सरकार से पहले अनिवार्य अनुमति हासिल करने की जरूरत होती है। विजिलेंस ने अब अधिकारियों की लिस्ट तैयार की है जिन पर कार्रवाई की जानी है। ब्यूरो जल्द ही इन मामलों में कार्रवाई करने के लिए सरकार से मंजूरी लेगा।

सिंचाई घोटाले में जारी है पूछताछ

ब्यूरो सिंचाई घोटाले के मामले में पूर्व मुख्य सचिव सर्वेश कौशल, पूर्व सिंचाई सचिव केबीएस सिद्धू, पूर्व आइएएस अधिकारी काहन सिंह पन्नू से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा, पूर्व आइएएस अधिकारी संजय पोपली को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान पोपली के बेटे ने सेक्टर-16 में खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी।

इन मामलों में चल रही कार्रवाई

पंजाब स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (पीएसआइडीसी) में हुए प्लॉट घोटाले में आइएएस अधिकारी निलीमा को नामजद किया गया है। अब नया मामला ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (गमाडा) में आइएएस अधिकारी राजेश धीमान की पत्नी जसमीन कौर के नाम पर करोड़ों रुपये का मुआवजा लेने का है।

इससे पहले, बीते साल लुधियाना में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) सचिव नरिंदर सिंह धालीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में पीसीएस अधिकारी अवकाश पर चले गए थे। पीसीएस अधिकारियों नरिंदर सिंह धालीवाल, तरसेम चंद व नायब तहसीलदार संदीप कुमार के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। उनकी जांच चल रही है। इसके अलावा भी कई ऐसे अधिकारी है जिन पर विजिलेंस की ओर से कार्रवाई की गई है।