सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी पंजाब में नहीं रुकेगी पराली जलाने की घटनाएं, आखिर ऐसा क्यों?
पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है क्योंकि धान की खरीद में देरी हो रही है। किसानों के पास धान की कटाई और गेहूं की बुवाई के बीच का समय कम होता जा रहा है जिससे उन्हें पराली जलाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने केंद्र सरकार से सवाल किया है।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। सुप्रीम कोर्ट ने जिस प्रकार से बीते दिन पराली जलाने की घटनाओं को बढ़ता देखकर पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार को फटकार लगाई है, उसका आने वाले दिनों में कोई असर होता दिखाई दे, ऐसा संभव नहीं लग रहा है।
इसका एक बड़ा कारण इस बार धान की खरीद का लेट होना है। शेलर मालिकों ने अपनी समस्याओं के लिए जिस प्रकार से चार दिन का और समय मांग लिया है, उससे किसानों के पास धान की कटाई और गेहूं की कटाई के बीच का समय और कम होता जा रहा है।
पराली जलाने की घटनाएं बढ़ने की आशंका
बहुत से किसानों ने अभी तक धान की कटाई इसलिए नहीं की है क्योंकि मंडियों में रखने की जगह नहीं है। उनके आढ़ती उन्हें मंडी में धान लाने से मना कर रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब के गांव मैण माजरी, खेड़ी बीर सिंह, आदि से गुजरते हुए साफ दिखाई पड़ रहा है कि किसान अपनी फसल को काटने में असमंजस में हैं।यह भी पढ़ें- हरियाणा में पराली जलाने वालों पर दर्ज होगी FIR, सरकार ने जारी किया आदेश; पकड़े गए तो नहीं बेच पाएंगे फसल
जबकि शुरुआती सीजन में जिस तरह से इन हलकों में फसलों की कटाई के बाद पराली की गांठें बनानी शुरू हुई थीं और अमलोह जैसे इलाके में लगी फैक्टरी के लोग यहां पराली की गांठें बनाने के लिए पहुंचे थे, उससे लग रहा था कि इस बार पराली कम जलेगी लेकिन ज्यों-ज्यों खरीद लेट हो रही है, त्यों-त्यों इस बात की आशंका बढ़ रही है कि पराली को जलाने की घटनाएं भी बढ़ेंगी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान ने केंद्र से किया सवाल
भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि उन्हें यह समझ में नहीं आ रही है कि केंद्र सरकार को अगर कुछ वैरायटियों की जांच करवानी है, तो उन्हें इतना समय क्यों लग रहा है?
इसके लिए केंद्रीय टीम भेजने का फैसला तो खुद खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ही ले सकते थे और उनके पास पंजाब सरकार ने सारी बात लिखकर भेज दी थी। 10 दिन में उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया बल्कि अब शेलर मालिकों से मिलकर चार दिन और मांग लिए हैं।
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