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Godday Godday Chaa Movie: पंजाबी फिल्मों में अब महिलाएं कर रही हैं लीड रोल प्ले, नए युग की हो रही शुरुआत

Godday Godday Chaa गॉडडे गॉडडे छा नामक इस पंजाबी फिल्म में पुरुष नहीं बल्कि तीन महिलाओं ने लीड रोल प्ले किया है। फिल्म की तीन प्रमुख महिलाओं को फिल्म के पोस्टर में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है।

By AgencyEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 30 Apr 2023 10:39 AM (IST)
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पंजाबी फिल्मों में अब महिलाएं कर रही हैं लीड रोल प्ले, नए युग की हो रही शुरुआत
चंडीगढ़ , एएनआई। पंजाबी सिनेमा में एक बड़ा बदलाव आया है। अब पंजाबी फिल्में सिर्फ अभिनेता के इर्द-गिर्द नहीं घूम रही हैं, बल्कि अब महिलाओं ने फिल्मों को लीड करना शुरू कर दिया है। पंजाबी सिनेमा में एक नई लहर आ गई है क्योंकि यह महिलाओं के नेतृत्व वाली फिल्मों के एक बिल्कुल नए युग की शुरुआत कर दी है। इस नए युग से ये तो साफ हो गया है कि महिलाएं हर एक क्षेत्र में कमाल कर सकती हैं।

'गॉडडे गॉडडे छा' नामक एक पंजाबी फिल्म का उदाहरण देते हुए, खालसा वोक्स ने बताया कि महिलाओं पर फिल्म का जोर पंजाबी सिनेमा उद्योग में एक स्वागत योग्य बदलाव है, जिसे हमेशा पुरुषों द्वारा नियंत्रित किया जाता रहा है। पंजाबी फिल्म जगत में अब तक पुरुषों को केंद्र में रखकर ही फिल्में बनाई जाती रही हैं, लेकिन अब बदलाव हो रहा है।

'गॉडडे गॉडडे छा' नामक इस पंजाबी फिल्म में पुरुष नहीं बल्कि तीन महिलाओं ने लीड रोल प्ले किया है। फिल्म की तीन प्रमुख महिलाओं को फिल्म के पोस्टर में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है। ये महिलाएं एक दूसरे की दोस्ती और समर्थन में एक साथ खड़ी हैं। इस फिल्म के साथ ही पंजाबी सिनेमा में नए बदलाव की थी तैयारी हो गई है।

इस फिल्म का पोस्टर पंजाबी संस्कृति में महिला बंधन और समर्थन के महत्व पर जोर देता है। इसके अलावा, यह महिला पात्रों पर फिल्म के फोकस के बारे में बहुत कुछ कहता है। अब पुरुषों की जगह पंजाब की महिला अभिनेत्रियों को केंद्र में रखकर ये बदलाव किया जा रहा है।

महिलाओं की अहमियत को दर्शाती है ये फिल्म

खालसा वोक्स के अनुसार, यह फिल्म पंजाबी शादियों में महिलाओं के महत्व और इस तरह के कार्यक्रमों को महिलाएं किस तरह से सफल बनाती है इस पर केंद्रित है। एक शादी में महिला की जिम्मेदारी पर केंद्रित यह फिल्म पहली बार एक नए बदलाव के साथ पंजाबी सिनेमा घरों में दिखाई देगी। इस फिल्म में कॉमेडी भी है। हास्य का उपयोग न केवल दर्शकों का मनोरंजन करता है बल्कि सांस्कृतिक बाधाओं को भी दूर करता है,इसके साथ ही साथ दर्शकों को फिल्म से बांधे रखने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

रूढ़िवादिता को तोड़ती ये खास फिल्म

खालसा वोक्स की रिपोर्ट की मानें तो महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्म 'गोडडे गॉडडे चा' कई रूढ़िवादिता को भी तोड़ने वाली है। यह फिल्म लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देती है और महिला अभिनेताओं की प्रतिभा और क्षमता को बड़े पर्दे पर प्रदर्शित करती है।

"गोडडे गॉडडे छा" इस बात का उदाहरण है कि कैसे पंजाबी सिनेमा विकसित हो रहा है क्योंकि महिला प्रधान फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है और यह क्षेत्र में महिलाओं के प्रभाव को भी प्रदर्शित करता है। पंजाबी कल्चर और वहां की मिट्टी को अब महिलाएं भी आगे आकर दुनिया तक पहुंचाएंगी।

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