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QR कोड से पता चलेगा बीज असली है या नकली, पंजाब सरकार की इस तकनीक से किसान भाइयों को बड़ा फायदा

Punjab News पंजाब सरकार ने नकली बीजों की समस्या से निपटने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है। अब बीजों की बोरियों पर क्यूआर कोड (QR Code) लगाए जाएंगे जिन्हें स्कैन करके किसान बीजों की असलियत का पता लगा सकेंगे। इससे किसानों को नकली बीजों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। इस तकनीक से उन्हें काफी फायदा होगा।

By Kailash Nath Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 23 Oct 2024 07:47 PM (IST)
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कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां बीज के थैलों पर क्यूआर कोड टैग सिस्टम का शुभारंभ करते हुए (पंजाब फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। नकली बीजों के प्रचलन को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने अब बीजों की बोरियों पर क्यूआर टैगिंग सिस्टम शुरू किया है। क्यूआर कोड को स्कैन करके किसान पता लगा सकेंगे कि जो बीज वह खरीद रहे हैं, वह नकली है या असली।

किसान बीज के संबंध में पूरी जानकारी भी हासिल कर पाएंगे। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने क्यूआर कोड सिस्टम की शुरुआत की। क्यूआर कोड सिस्टम की शुरुआत करने के बाद मंत्री ने बताया कि यह सिस्टम एक मजबूत बीज गुणवत्ता प्रणाली को यकीनी बनाएगा।

उन्होंने बताया कि किसान बीज खरीदने से पहले बीज के थैलों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके उस बीज के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे जिसमें बीज उत्पादक के बारे में पूरी जानकारी के अलावा निरीक्षण रिपोर्टों और लैब टेस्टों के नतीजों के विवरण भी होंगे।

उन्होंने बताया कि इससे लाइसेंसशुदा डीलरों द्वारा किसानों को सर्टिफाइड बीज ही बेचे जाएंगे, जिससे बीज की सप्लाई के मानक की समानता सुनिश्चित होगी।

10 हजार से ज्यादा बीज उत्पादकों की जानकारी की गई अपडेट

मंत्री ने कहा कि सिस्टम विशेष तौर पर बीज उत्पादन, गुणवत्ता वाले बीज की पहचान और बीज प्रमाणीकरण के साथ संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए तैयार किया गया है। कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग वर्मा ने बताया कि साथी (सीड ट्रेसेबिलटी, आथेंटिकेशन एंड हौलिस्टिक इन्वेंटरी) पोर्टल को लागू करने वाली पंजाब स्टेट सीड सर्टिफिकेशन अथॉरिटी देश की पहली संस्था है।

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इस पोर्टल को 17 जनवरी, 2023 को पंजाब में शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि पंजाब स्टेट सीड सर्टिफिकेशन अथारिटी द्वारा इस समय बीज पैदा करने वाली फसलों के सातवें सीजन की लगातार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन यकीनी बनाई जा रही है। मौजूदा समय इस पोर्टल पर 360 बीज उत्पादक एजेंसियां, 341 बीज प्रोसेसिंग प्लांट और तीन टेस्टिंग लैब सहित 10,669 बीज उत्पादकों की जानकारी अपडेट की गई है।

मंडियों में धान की लिफ्टिंग हो रही कम

जिले की मंडियों में धान की लिफ्टिंग की रफ्तार बहुत कम है। यही कारण है कि किसानों में विरोध देखने को मिल रहा है। मंडियों में किसानों द्वारा लगाए गए डेरे का असर शहर के बाजारों में भी देखने को मिल रहा है। जिसके तहत त्योहारी सीजन होने के बावजूद बाजारों में विरानगी छाई हुई है।

आलम यह है कि शेखां बाजार, रैनक बाजार, भैरों बाजार, पीर बोदलां बाजार तथा बर्तन बाजार सहित उन जगहों पर भी इन दिनों खरीदारों का टोटा है, जहां पर त्योहारी सीजन में पांव रखने की जगह नहीं बचती थी।

यहीं कारण है कि इन दिनों कई दुकानदार दिन भर बौहनी भी नहीं कर पा रहे हैं। व्यापारियों की मानें तो किसानों को मंडियों में धान की खरीद तथा लिफ्टिंग को लेकर पेश आ रही परेशानियां तथा उनके द्वारा किए जा रहे धरने प्रदर्शनों का असर बाजार पर भी पड़ा है। जिसके चलते कारोबार प्रभावित हो रहा है।

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