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चंडीगढ़ SCERT की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, स्कूल शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के बजाय करवाया जा रहा ईटीटी कोर्स

एससीईआरटी का मुख्य कार्य शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलाव को स्कूलों में अपग्रेड कराने की सिफारिश करते हुए स्कूलों में प्रोजेक्ट और परिणाम को हासिल करती है लेकिन बीते ढाई वर्ष से इस काम को एससीईआरटी में नियुक्त विशेषज्ञ नहीं बल्कि निजी संस्थाएं कर रही हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 03:45 PM (IST)
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सेक्टर-32 स्थित स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग की बिल्डिंग।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) सेक्टर-32 की कार्यप्रणाली कागजों तक सीमित होकर रह गई है। एससीईआरटी चंडीगढ़ में नियुक्त किए गए विषय विशेषज्ञ स्कूल शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा की जानकारी नहीं बल्कि बिना योग्यता के एलिमेंट्री टीचर ट्रेनिंग (ईटीटी) कर रहे युवाओं को डिग्री दिलाने में जुटे हैं।

एससीईआरटी की कार्यप्रणाली पर न तो चंडीगढ़ प्रशासन का कोई भी अधिकारी सवाल उठा सकता है और न ही उनसे रिपोर्ट मांगने की हिम्मत करता है। क्योंकि एससीईआरटी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त की गई शिक्षा की सुप्रीम बाडी है, जो कि नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) के निर्देशानुसार काम करती है।

एससीईआरटी का मुख्य कार्य शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलाव को स्कूलों में अपग्रेड कराने की सिफारिश करते हुए स्कूलों में प्रोजेक्ट और परिणाम को हासिल करती है, लेकिन बीते ढाई वर्ष से इस काम को एससीईआरटी में नियुक्त विशेषज्ञ नहीं बल्कि निजी संस्थाएं कर रही हैं।

ये निजी संस्थाएं कर रही एससीईआरटी विशेषज्ञों का काम

डिजिटल और स्मार्ट एजुकेशन के उद्देश्य से शिक्षा में लगातार बदलाव आ रहे हैं और उन्हें सीखने के लिए एससीईआरटी चंडीगढ़ और शिक्षा विभाग ने विभिन्न प्राइवेट संस्थाओं से समझौता किया हुआ है। नवंबर 2018 में इंटरनेशनल एग्जाम पीसा कराने के लिए केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को चुना था।

विद्यार्थियों को शिक्षा के इंटरनेशनल स्तर से जोड़ने के लिए पहले संस्था फीनेक्स एजुकेशनल से समझौता हुआ उसके बाद श्री अरविंदो सोसाइटी, खान अकादमी, प्रथम फाउंडेशन और न्यू एजुकेशन पालिसी 2020 के लांच होने के बाद कच्ची सड़क एजुकेशनल सोसाइटी के साथ हाथ मिलाया। बीते ढाई वर्ष में एनएसईआरटी विशेषज्ञों के बजाए इन संस्थाओं के विशेषज्ञ ही शिक्षकों को नई तकनीकों के बारे में वर्कशाप और सेमिनार करके जानकारी दे रहे हैं।

यूजीसी नियमों का उल्लंघन कर एससीईआरटी में चल करवा रहा ईटीटी कोर्स 

एससीईआरटी सेक्टर-32 में नियुक्त किए गए विशेषज्ञ स्कूल शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के बजाए ईटीटी कोर्स करावा रहे हैं जो कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) के नियमों का उल्लंघन है। ईटीटी का कोर्स कालेज में करवाया जा सकता है और इन विद्यार्थियों को यूजीसी नियमों को पूरा करने वाले प्रोफेसर ही पढ़ा सकते हैं। एससीईआरटी में नियुक्त शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता एक विषय में एमए और उसके बाद बीएड है। जबकि ईटीटी विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए नेशनल एलिजिबिल्टी टेस्ट (नेट) और पीएचडी होनी अनिवार्य है।

डीएसई बोले- अनियमितता बर्दाश्त नहीं

इस संबंध में जब डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन (डीएसई) एचएस बराड़ का कहना है कि किसी भी काम के साथ अनियमितता नहीं बरती जाएगी। अगर किसी भी ब्रांच में गैरजिम्मेदारी से काम किया जा रहा है उसे सुधारा जाएगा। भविष्य में ऐसा न हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।