नशे के बढ़ते प्रभाव को लेकर उठे सवाल, मालखानों से ड्रग का निपटारा करने की प्रक्रिया बताए सरकार: हाईकोर्ट
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में हजारों करोड़ का नशा पकड़े जाने के बावजूद नशे के बढ़ते प्रभाव पर हरियाणा व पंजाब सरकार (Haryana And Punjab Government) को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मालखानों से नशे का निपटारा करने की प्रक्रिया को लेकर जवाब दाखिल करने का दोनों राज्यों को आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में हजारों करोड़ का नशा पकड़े जाने के बावजूद नशे के बढ़ते प्रभाव पर हरियाणा व पंजाब सरकार को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मालखानों से नशे का निपटारा करने की प्रक्रिया को लेकर जवाब दाखिल करने का दोनों राज्यों को आदेश दिया है।
इसके साथ ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो से पूछा है कि हरियाणा और पंजाब में नशे के आदि लोगों की संख्या कितनी है और लोगों को जागरूक करने और नशे के चंगुल से बचाने के लिए दोनों राज्यों में क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
हाईकोर्ट ने हरियाणा और पंजाब से पूछे सवाल
गत वर्ष दिसंबर में बीएसएफ के डीजी ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर सरहद पर नशे की तस्करी को लेकर चिंता व्यक्त की थी। इस प्रेस वार्ता के मुद्दों को बेहद गंभीर मानते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनने का निर्णय लिया था। मंगलवार को याचिका सुनवाई के लिए पहुंची तो हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार से पूछा है कि आखिर प्रदेश में लोगों को नशे के चंगुल से बचाने के लिए और जागरूक करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और भविष्य को लेकर दोनों राज्यों की क्या योजना है। इसके साथ ही एनसीबी से पूछा है कि दोनों राज्यों में नशे के चंगुल में कितने लोग फंसे हैं और उनके पुनर्वास को लेकर क्या योजना मौजूद है।सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार से पूछा कि जब इतनी बड़ी मात्रा में नशा पकड़ा जाता है तो कैसे यह प्रदेश के युवाओं तक पहुंच पाता है। जो नशा पकड़ा जाता है और मालखाने में जाता है बाद में उसका निपटारा करने के लिए सरकार के पास क्या तंत्र मौजूद है। साथ ही यह भी पूछा है कि इस सामग्री का निपटारा क्या मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में किया जाता है।