Raghav Chadha: 'सियासी माहौल से गायब राघव चड्ढा, आखिर क्या है असली वजह?', आप नेता की गैरहाजरी पर जाखड़ ने ली चुटकी
Punjab Lok Sabha Election 2024 आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) इस समय सियासी माहौल से दूर हैं। अब भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने इस पर कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर आप नेता के गायब होने की असली वजह क्या है। इस पर केजरीवाल और भगवंत मान की चुप्पी ने ऐसी चर्चाओं को और अधिक बल दिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब से आम आदमी पार्टी के सदस्य राघव चड्ढा (Raghav Chadha) इन दिनों आंख का ऑपरेशन करवाने के लिए लंदन गए हुए हैं। ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) का बिगुल फूंका जा चुका है, चड्ढा की गैरहाजिरी पर कई सवाल भी खड़े हो रहे है। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने इसे हवा दी है।
जाखड़ ने एक्स पर किया पोस्ट
जाखड़ ने एक्स पर लिखा है कि सियासी तौर पर गरमाएं इस माहौल में राघव चड्ढा की गैर-मौजूदगी के कई कारण बताए जा रहे है। इस पर केजरीवाल और भगवंत मान की चुप्पी ने ऐसी चर्चाओं को और अधिक बल दिया है। ऐसे में खबर सामने आई है कि वह लंदन में अपने आंख का ऑपरेशन करवाने के लिए गए हुए हैं। अगर ऐसा है तो वह जल्द ही ठीक होकर आएं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं।
लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर है चड्ढा
जानकारी के अनुसार राघव चड्ढा को ब्रिटेन में एक वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ की देखरेख में यह सर्जरी कराने की सलाह दी गई है। आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा आंख के 'रेटिना डिटेचमेंट'को रोकने के लिए ब्रिटेन में 'विट्रेक्टोमी सर्जरी' करवाने के लिए गए हुए हैं। चड्ढा लंबे समय से सक्रिय राजनीति से दूर है। जिसके कारण कई बार यह चर्चा उठ जाती है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और राघव चड्ढा के बीच राजनीतिक तालमेल बैठ नहीं पा रहा है।यह भी पढ़ें: Arvind Kejriwal को बार-बार मिल रहे ED के समन पर पंजाब भाजपा नेता ने दी अपनी पहली प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा
बता दें कि 2022 के विधान सभा चुनाव में राघव चड्ढा खासे सक्रिय रहे। आम आदमी पार्टी की जीत में उनका भी बड़ा योगदान था। पंजाब में आप की सरकार बनने के बाद चड्ढा ने दिल्ली से अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और पंजाब से राज्य सभा सदस्य बन गए।
जाखड़ ने चड्ढा की अनुपस्थिति पर ली चुटकी
जानकारी के अनुसार शुरूआत में सरकार में चड्ढा का खासा हस्तक्षेप रहा। धीरे-धीरे मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रशासनिक कामकाज को अपने हाथों में लेना शुरू किया। मुख्यमंत्री जैसे-जैसे मजबूत होने लगे, चड्ढा का हस्तक्षेप भी कम होने लगा। पिछले तकरीबन छह माह से चड्ढा की गतिविधियां भी पंजाब में ना के बराबर ही है। लोक सभा चुनाव के साथ ही जाखड़ ने चड्ढा की अनुपस्थिति पर चुटकी ली है।
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