रेलवे ने देरी से किया रिफंड, 10 हजार जुर्माना
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : टिकट कैंसिल करने के करीब एक साल बाद उपभोक्ता को रिफंड द
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : टिकट कैंसिल करने के करीब एक साल बाद उपभोक्ता को रिफंड देना रेलवे को महंगा पड़ा है। दरअसल, शिकायतकर्ता संजीवन गुरु ने उपभोक्ता फोरम को दी शिकायत में बताया था कि उन्होंने 11 नवंबर 2016 को 10 जनवरी 2017 की मुंबई से चंडीगढ़ की यात्रा के लिए सेकेंड एसी कोच की 4 टिकट बुक कराई थी। इसके लिए उन्होंने 10,600 रुपये टिकट चार्ज दिया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि किसी जरूरी काम के चलते उन्हें हवाई यात्रा करनी पड़ी। उन्होंने रेलवे को रिफंड के लिए 24 नवंबर 2016 फार्म भर दिया था। उन्होंने बताया कि जब रिफंड के लिए आवेदन करते समय कुछ दिनों में उनके अकाउंट में पैसा आ जाने की सहमति दी थी। लेकिन शिकायतकर्ता को रिफंड नहीं मिला। रेलवे ने उपभोक्ता फोरम अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने हायर आथरिटी से सेंक्शन कराकर 9220 रुपये शिकायतकर्ता को भेज दिया था। उन्होंने सेवा में कोताही नहीं की है। रेलवे ने कहा कि 22 फरवरी 2018 को रिफंड कर दिया है। शिकायतकर्ता संजीवन गुरु निवासी फेज-7 मोहाली ने रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ के स्टेशन मास्टर, नई दिल्ली स्थित चीफ कमर्शियल मैनेजर (रिफंड) और रेलवे स्टेशन मोहाली के स्टेशन मास्टर के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता फोरम ने हुए रेलवे को सेवा में कोताही का दोषी करार दिया है। उपभोक्ता फोरम ने रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ के स्टेशन मास्टर, चीफ कमर्शियल मैनेजर (रिफंड) नार्दन रेलवे नई दिल्ली और रेलवे स्टेशन मोस्टर मोहाली को निर्देश दिया है कि वह संयुक्त रूप से शिकायतकर्ता को सेवा में कोताही, मानसिक रुप से प्रताड़ित और शारीरिक परेशानी के लिए पाच हजार रुपये मुआवजा और पाच हजार रुपये मुकदमा खर्च अदा करे।