राज्यसभा सांसद बलबीर सीचेवाल ने दूसरी बार मुख्यमंत्री की जान को खतरे में डाला? सीएम सिक्योरिटी ने जताई नाराजगी
सीएम सुरक्षा के अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक लोगों को अपने वोटरों के बीच आम आदमी बनने की होड़ लगी रहती है लेकिन इसमें उनकी सुरक्षा को खतरा भी हो सकता है। यह सभी को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने कल हुई घटना का कड़ा संज्ञान लिया है और अपनी मौखिक शिकायत उच्च अधिकारियों को दर्ज करवा दी है।
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) जब कल जालंधर जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने गए थे तो उनकी किश्ती पलटते हुए बाल-बाल बची। मुख्यमंत्री के साथ राज्यसभा सदस्य और निर्मल कुटिया के मुखी संत बलबीर सिंह सीचेवाल (Balbir Singh Seechewal) भी थे। सीचेवाल के अनुयायी भी इस दौरान सीएम की किश्ती में चढ़ गए थे।
नाव बाढ़ के पानी में उतरने के कुछ दूरी पर जाती ही बुरी तरह से डोल गई। मुख्यमंत्री और संत बलबीर सिंह सीचेवाल भी गिरने से बाल-बाल बच गए। बाढ़ के पानी की गहराई का किसी को भी अंदाजा नहीं था। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बड़ा हादसा होते-होते टल गया। हालांकि, मुख्यमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों की जान सांसत में फंस गई।
'सीचेवाल के लोगों ने नहीं मानी बात'
दरअसल, मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों ने बाबा सीचेवाल के अनुयायियों को सुरक्षा कारणों से नाव में चढ़ने से रोका था लेकिन वे नहीं माने। सीएम सिक्योरिटी के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि नाव में ज्यादा लोगों को न चढ़ाने को लेकर सुरक्षा अधिकारियों की बाबा के लोगों से बहस भी हुई थी लेकिन सीचेवाल के लोगों ने उनकी नहीं मानी। यह मामला सीएम के पास रखा जाएगा।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ
उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी जब मुख्यमंत्री काली बेईं का दौरा करने के गए थे तब बलबीर सिंह सीचेवाल ने मुख्यमंत्री को काली बेईं की सफाई के बारे में अवगत करवाया और बताया कि किस तरह उन्होंने काली बेईं में पड़ने वाली शहर के सीवरेज और इंडस्ट्री के गंदे पानी को रोककर इसे साफ किया है और अब यह पानी पीने योग्य हो गया है।
अधिकारी ने बताया कि सीचेवाल ने उसी समय पानी का एक गिलास पहले खुद पिया और फिर एक गिलास मुख्यमंत्री की ओर बढ़ा दिया। भगवंत मान ने भी कोई ऐतराज न करते हुए इसे पी लिया लेकिन उसी शाम उन्हें डायरिया हो गया और वह छह दिन तक अस्पताल में रहे। कल यह दूसरा मौका था जब मुख्यमंत्री भगवंत मान की जान खतरे में पड़ गई।
'उनकी सुरक्षा को खतरा भी हो सकता है'
सीएम सुरक्षा के अधिकारी ने बताया कि राजनीतिक लोगों को अपने वोटरों के बीच आम आदमी बनने की होड़ लगी रहती है लेकिन इसमें उनकी सुरक्षा को खतरा भी हो सकता है। यह सभी को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने कल हुई घटना का कड़ा संज्ञान लिया है और अपनी मौखिक शिकायत उच्च अधिकारियों को दर्ज करवा दी है। हम चाहते हैं कि इसकी जांच करके आरोपितों की शिनाख्त की जाए ताकि आगे से इस तरह की लापरवाही न हो सके।
उन्होंने बताया कि अगर मुख्यमंत्री को कुछ हो जाता तो सारी गाज सुरक्षा अधिकारियों पर गिराई जाती कि उन्होंने कोई ध्यान नहीं रखा। पता चला है कि मुख्यमंत्री दफ्तर भी इस पर कार्रवाई के करवाने के मूड में है लेकिन इस पर अंतिम फैसला मुख्मयंत्री को लेना है। उनके बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने के बाद यह मामला उनके सामने रखा जाएगा।