Move to Jagran APP

पंजाब में नैनो कार का प्लांट लगाना चाहते थे रतन टाटा, इस वजह से फंस गई पेच; आरओ से लेकर कैंसर इलाज तक खूब की थी मदद

रतन टाटा का पंजाब से गहरा नाता रहा है। वे पंजाब में नैनो कार का प्लांट लगाना चाहते थे लेकिन निशुल्क जमीन न मिलने के कारण यह प्रोजेक्ट पश्चिम बंगाल चला गया। उन्होंने पंजाब में कैंसर के इलाज के लिए भी सहयोग दिया और मोहाली में टाटा मेमोरियल सेंटर की स्थापना की। इसके अलावा टाटा ट्रस्ट ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में रीवाइविंग ग्रीन रेवोल्यूशन सेंटर स्थापित किया है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 10 Oct 2024 10:21 PM (IST)
Hero Image
पंजाब में नैनो कार का प्लांट लगाना चाहते थे रतन टाटा, इस वजह से फंस गई पेच।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। देश के सबसे प्रभावशाली उद्योगपति रतन टाटा को हर कोई किसी न किसी रूप में याद कर रहा है। इनमें पंजाब भी पीछे नहीं है। देश के आम नागरिकों के कार के सपने पूरा करने के लिए जब रतन टाटा ने लखटकिया नैनो कार लॉन्च करने की योजना बनाई तो इसका प्लांट वे पंजाब में लगाने के इच्छुक थे। उन्होंने रोपड़ के पास बिरला फार्म की 1100 एकड़ जमीन भी देखी।

वे चाहते थे कि राज्य सरकार इस जमीन को निशुल्क प्रदान करे तो प्लांट पंजाब में लगाया जाएगा। रतन टाटा खुद चंडीगढ़ आए और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात भी की। निशुल्क जमीन देना सरकार के लिए मुश्किल पड़ा।

कैप्टन अमरिंदर सिंह इसके लिए तैयार नहीं हुए। ऐसे में नैनो कार का प्रोजेक्ट पश्चिम बंगाल के सिंगूर में चला गया, लेकिन वहां भी जमीन अधिग्रहण के विरोध के चलते यह गुजरात में चला गया।

रतन टाटा कभी भी राजनीति का हिस्सा नहीं बने

रतन टाटा कभी भी पार्टी राजनीति का हिस्सा नहीं बने। उन्होंने जहां कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पंजाब में इंडस्ट्री लगाने के लिए काम किया। वहीं, प्रकाश सिंह बादल के साथ भी किया। पंजाब में मालवा क्षेत्र में जब कैंसर अपने पांव फैला रहा था तब सभी वहां के भूजल को इस कारण मान रहे थे।

कहा जा रहा था कि जमीन के पानी में भारी तत्वों के कारण ऐसा हो रहा है तो कोई कुछ और। उस समय टाटा कंपनी की ओर से मालवा के सभी गांवों में बड़े आरओ प्लांट लगाए गए। जहां मात्र दो रुपये में दस लीटर पानी मिलता है। यह प्रोजेक्ट 2007 की अकाली भाजपा सरकार के दौरान आया।

कैंसर के लिए बनवाया अस्पताल

यही नहीं, कैंसर के इलाज के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रतन टाटा से सहयोग मांगा। डा. होमी भाभा कैंसर रिसर्च सेंटर के लिए मोहाली में 50 एकड़ जमीन खरीदी गई जिसे टाटा मेमोरियल सेंटर की ओर से स्थापित किया गया है।

इसका शिलान्यास तत्कालीनी प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने रखा जबकि इसका उद्घाटन अगस्त 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। जमशेदपुर, टाटा स्टील के प्लांट के लिए जाना जाता है।

टाटा स्टील प्लांट के लिए जाना जाता है जमशेदपुर

जमशेदपुर के बाद के बाद दूसरा स्टील प्लांट पंजाब में लगाया गया जिस पर 2,600 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह प्लांट उत्तर भारत की स्टील से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर रहा है। कृषि क्षेत्र में भी पीएयू के साथ काम कर रहा टाटा ट्रस्टरतन टाटा ने पंजाब में कृषि के लिए सौ करोड़ रुपये की फंडिंग की थी। 

टाटा ट्रस्ट की ओर से पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) में रीवाइविंग ग्रीन रेवोल्यूशन सेंटर स्थापित किया गया है। सेंटर का मुख्य उद्देश्य कृषि की नवनीतम तकनीक को किसानों के पास ले जाना है ताकि कम लागत पर किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके।

यह भी पढ़ें- Punjab News: अब ये 100 उम्मीदवार भी होंगे पंचायत चुनाव में शामिल, हाईकोर्ट की नामांकन रद्द के आदेश पर रोक, बताया योग्य

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।