विवादित बयानों से बीजेपी उम्मीदवारों की मुसीबत बढ़ा रहे रवनीत बिट्टू, उपचुनाव में हो सकता है भारी नुकसान
रवनीत बिट्टू के एक के बाद एक विवादित बयान से पंजाब में चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने किसान नेताओं की जायदादों की जांच करवाने चूरा पोस्त और अफीम के ठेके फिर से खोलने जैसे बयान दिए हैं जिससे विपक्ष को भाजपा पर हमला करने का मौका मिल गया है।
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के एक के बाद एक बयान से चार सीटों पर उपचुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। बिट्टू, जिन्हें लुधियाना संसदीय सीट पर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने हराया था, अब गिद्दड़बाहा में जाकर राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िंग के खिलाफ पार्टी उम्मीदवार मनप्रीत बादल के लिए प्रचार कर रहे हैं।
कभी बिट्टू ने दादा ने मनप्रीत का किया था विरोध
यहां यह भी बताना रोचक है कि यह मनप्रीत बादल वही हैं जिन्हें तीन दशक पहले हराने के लिए रवनीत बिट्टू के दादा व पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था पर तमाम कोशिशें के बावजूद बेअंत सिंह ऐसा करने में सफल नहीं हुए थे। तब पूरे विपक्ष के एकजुट होने का बेअंत सिंह को भारी नुकसान हुआ था।
मनप्रीत बादल की फाइल फोटोअब उनके पोते रवनीत बिट्टू उसी मनप्रीत बादल के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं। बिट्टू का असली मकसद अमृता वड़िंग को हरवाकर लुधियाना में राजा वड़िंग से मिली हार का बदला लेना है। वह प्रचार में और मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कई बार ऐसे बयान दे देते हैं जो पार्टी उम्मीदवारों को भारी पड़ते हैं। विपक्ष उनके इस बयानों का जवाब भाजपा से मांगता है।
खुद को बताया था मुख्यमंत्री पद का दावेदार
बिट्टू ने कुछ दिन पहले अपने आपको मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताया जिसको लेकर पार्टी के अंदर ही काफी खुसर-पुसर शुरू हो गई। लंबे समय से पार्टी से जुड़े नेताओं ने तो यहां तक कहा कि यदि उन्हें दावा ही करना है तो प्रधानमंत्री पद के लिए करें। पार्टी के वरिष्ठ नेता हरजीत ग्रेवाल ने कहा कि बिट्टू को दावा ही करना है तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पद की दावेदारी जतानी चाहिए।
रवनीत बिट्टू की फाइल फोटो
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