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Punjab: कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मामले में रिपोर्ट तलब, अधिकारी आज पेश करेंगे पूरा केस; 1425 वर्कर्स की नौकरी पर संकट के बादल

पंजाब के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मामले पर रिपोर्ट तलब कर दी गई है। यूटी सचिवालय में इन दिनों नए सलाहकार राजीव वर्मा सभी विभागों के बारे में जानने को लेकर मैरॉथन रिव्यू बैठक कर रहे हैं। उन्‍होंने कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मुद्दे पर रविवार को अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही मामले में अधिकारियों की ओर से दिल्ली में पेश रिपोर्ट की जानकारी भी मांगी है।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Sun, 11 Feb 2024 09:05 AM (IST)
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कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों के मामले में रिपोर्ट तलब (सोशल मीडिया)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासक के नए सलाहकार राजीव वर्मा ने यूटी प्रशासन में 10 से 15 वर्षों से कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति रद किए जाने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है। दैनिक जागरण ने 10 फरवरी के अंक में 1425 कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों की नौकरी पर संकट के बादल... शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। मामले में सलाहकार ने इस मामले से जुड़े सभी उच्च अधिकारियों को तलब कर लिया।

मैरॉथन रिव्‍यू बैठक

जानकारी के अनुसार यूटी सचिवालय में इन दिनों नए सलाहकार राजीव वर्मा सभी विभागों के बारे में जानने को लेकर मैरॉथन रिव्यू बैठक कर रहे हैं। कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मुद्दे पर उन्होंने रविवार को अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। सलाहकार ने रविवार को ही चंडीगढ़ सचिवालय में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे को लेकर अधिकारियों की विशेष बैठक बुलाने के आदेश दिए हैं।

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अधिकारियों से खासे नाराज कर्मचारी

सलाहकार पूरे मामले में केंद्र सरकार के सामने कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मामले को सही ढंग से पेश नहीं करने वाले अधिकारियों से खासे नाराज हैं। मामले में अधिकारियों की ओर से दिल्ली में पेश रिपोर्ट की जानकारी भी मांगी है। शनिवार दोपहर को अधिकारियों को जैसे ही सलाहकार के निर्देश जारी हुए अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने को छुट्टी में भी दफ्तर पहुंच गए।

पांच जनवरी को हुई थी केंद्र सरकार से बैठक

गौरतलब है यूटी प्रशासन के उच्च अधिकारियों की बीते पांच जनवरी को केंद्र सरकार में बैठक थी। इस बैठक में हिस्से लेने वाले उच्च अधिकारी बूटी में कार्यरत्त कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के मामले को सही ढंग से पेश नहीं कर सके और केंद्र सरकार ने तुरंत यूटी प्रशासन को निर्देश जारी कर दिए कि पांच वर्ष से अधिक समय से जो पद खाली हैं उन्हें रद माना जाए। वित्त मंत्रालय की ओर से ऐसे पदों पर काम कर रहे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं करने की बात की।

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मामले में यूटी प्रशासन के वित्त विभाग की ओर से सभी विभागों को केंद्र सरकार का निर्देश जारी कर दिया गया। प्रशासन ने आनन फानन में कर्मचारियों की छटनी भी शुरू कर दी तो कर्मचारियों में हल्ला मच गया। मामला यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक पहुंच गया। कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर 13 फरवरी को यूटी प्रशासन के फैसले के खिलाफ आक्रोश रैली निकालने का फैसला लिया है।

लोकसभा चुनाव में बन सकता है बड़ा मुद्दा, भाजपा को होगा नुकसान

यूटी प्रशासन के एक फैसले से एक झटके में 1500 के करीब कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। इससे सीधे तौर पर एक लाख से अधिक लोग प्रभावित होंगे। आगामी लोकसभा चुनाव मे विपक्षी पार्टियों के लिए यह बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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