बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डा. राजबहादुर का इस्तीफा मंजूर, सीएम ने फाइल गवर्नर को भेजी
Dr. Raj Bahadur Resignation पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाबा फरीद मेडिकल साइंस यूनविर्सिटी के वीसी डा. राज बहादुर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। पिछले दिनों पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दुर्व्यवहार करने के बाद डा. राज बहादुर ने इस्तीफा दे दिया थाा।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 11 Aug 2022 11:23 PM (IST)
चंडीगढ़, जेएनएन। Dr. Raj Bahadur Resignation: पंजाब सरकार ने अंततः बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनका इस्तीफा सरकार की तरफ से मंजूर कर राज्यपाल को भेजा है। डा. राज बहादुर ने पिछले दिनों पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इस घटना पर काफी विवाद हुआ था। डा. राज बहादुर देश के जाने माने सर्जन हैं।
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के दुर्व्यवहार के कारण दिया था इस्तीफामुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीरवार को डा. राज बहादुर का इस्तीफा सरकार की तरह से मंजूर कर इसे राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया। बताया जाता है कि इस्तीफा स्वीकार करने से पहले पंजाब सरकार ने डा. राज बहादुर को मनाने की काफी कोशिश की। भगवंत मान सरकार डा. राज बहादुर पर दबाव बना रही थी कि वह अपना इस्तीफा वापस ले लें लेकिन वह नहीं माने। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है।
Punjab Health Minister @jouramajra 's humiliating behaviour with Dr Raj Bahadur is highly condemnable.
Minister must apologise pic.twitter.com/V4roFvVETz
— Amarinder Singh Raja Warring (@RajaBrar_INC) July 29, 2022
बता दें कि 29 जुलाई को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा फरीदकोट में बाबा फरीद मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी का निरीक्षण करने गए थे। इस दौरान एक कमरे में बेड पर फटे गद्दे देख कर वह भड़क गए और पहले तो उन्होंने वीसी डा. राज बहादुर से इस बारे में पूछताछ की और फिर उनको उस फटे गद्दे पर लेटने को कहा। इसके बाद डा. राज बहादुर को गद्दे पर लेटने को मजबूर करने वाला वीडियो वायरल हो गया। यह भी पढ़ें: Dr. Rajbahadur Regignation: आप ने स्वास्थ्य मंत्री का किया बचाव , डा. राजबहादुर पर उठाए सवाल
इस पर पूरे राज्य में बवाल मच गया। इस घटना से दुखी होकर डा. राज बहादुर ने 30 जुलाई को बाबा फरीद मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी के वीसी पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद पंजाब सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंंग सहित कई दलों के नेताओं ने डा. राज बहादुर से मुलाकात कर उनके प्रति समर्थन जताया। यह भी पढ़ें: Dr Raj Bahadur Controversy: अपनों के बिछाए जाल में फंस गए डा. राज बहादुर, पूरी घटना की साजिश पहले से थी तैयार इस घटना के विरोध में पंजाब में कई डाक्टरों व मेडिकल अफसरों ने भी अपने इस्तीफे दे दिए थे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने भी इस घटना का विरोध किया था। मामला गर्माने के बाद मुख्यमंंत्री भगवंत मान ने भी पूरे मामले में अपना पक्ष रखा और डा. राज बहादुर को बेहतरीन डाक्टर बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले को बेहतर तरीके से सुलझाया जा सकता था। इस घटना की निंदा पंजाब ही नहीं बल्कि कई राज्यों में की गई। यहां तक की विदेशों में बैठे पंजाबियों ने भी इस घटना की निंदा की। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद इस घटना के लिए खेद जताया। इसके बाद आम आदमी सरकार की छवि को भी खासी ठेस पहुंची।
सरकार डैमेज कंट्रोल के लिए डा. राज बहादुर पर दबाव बना रही थी कि वह इस्तीफा वापस ले लें। लेकिन वह नहीं माने। इस्तीफे के 12 दिनों के बाद मुख्यमंत्री ने उनके इस्तीफे को राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया है। बता दें कि डा. राज बहादुर रीड़ की हड्डी के एक विख्यात डाक्टर है। उनकी ख्याति देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी है।यह भी पढ़ें: Punjab Health Minister Controversy: पंजाब में लगी इस्तीफों की झड़ी, वीसी डा. राज बहादुर, उनके सचिव और तीन वरिष्ठ डाक्टरों का इस्तीफा
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