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Dr Raj Bahadur Controversy: विवाद बढ़ने के बीच अभी डा. राजबहादुर का इस्तीफा स्वीकार नहीं, IMA और भाजपा का सरकार पर हमला

Dr Raj Bahadur Controversy पंजाब के स्वास्थ्य मंंत्री द्वारा बाबा फरीद मेडिकल साईंस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राजबहादुर के साथ बदसुलूकी करने के मामले पर राजनीति तेज हो गई है। विवाद बढ़न के बीच सरकार ने डा. राजबहादुर का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 08:52 AM (IST)
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बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी डा. राजबहादुर से स्वास्थ्य मंत्री की बदसुलूकी का मामला तूल पकडृ गया है। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Dr. Raj Bahadur Controversy: बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर के साथ पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा द्वारा की गई बदसलूकी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में विवाद बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अभी तक डा. राजबहादुर का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। 

आइएमए ने प्रस्ताव पारित कर स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की पंजाब शाखा ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री  चेतन सिंह जौड़ामाजरा को बर्खास्त करने व जौड़ामाजरा द्वारा डा. राज बहादुर व डाक्टरों से माफी मांगने का प्रस्ताव अपनी बैठक में पास किया है। इसके बाद  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान को सार्वजनिक रूप से इस माफी मांगने की मांग की है।

मुख्यमंंत्री भगवंत मान ने एक दिन पहले डा. राजबहादुर की तारीफ की थी 

इस बीच विवाद बढ़ता देख मुख्यमंत्री ने डा. राज बहादुर का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूरे मामले में कल अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि इस मामले काे बेहतर तरीके हल किया ज सकता था। इसके साथ ही उन्होंने डा. राजबहादुर की तारीफ भी की थी और उनसे अपने अच्छे संबंध होने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि डा. राजबहादुर ने उनके पिता का भी इलाज किया था।   

राजनीतिक दलों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ खोल रखा है मोर्चा   

इस विवाद में जिस प्रकार से राजनीतिक पार्टियों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे सरकार की परेशानी बढ़ गई है। सुरक्षा वापस लेने के बाद हुई सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद यह दूसरा मौका है जब आप सरकार को न सिर्फ राजनीतिक पार्टियों बल्कि आम लोगों के गुस्से का भी मना करना पड़ रहा है।

रंधावा ने कहा- स्वास्थ्य मंत्री की डा. राजबहादुर से बदसुलूकी माफी योग्य नहीं

वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने जो बदसलूकी डा. राज बहादुर से की है, वह माफी के योग्य भी नहीं है। उन्होंने कहा कि डा. राज बहादुर एक उच्चकोटि के डाक्टर हैं। उन्होंने कहा ‘यह बात मैं व्यक्तिगत रूप से भी जानता हूं। 2010 में मेरी 12 साल की बेटी खेलते समय सीढ़ियों से गिर गई थी। उसके पांव ने काम करना बंद कर दिया था। कई नामी अस्पतालों ने जवाब दे दिया था। इसके बाद डा. राज बहादुर ने रात 3 बजे मेरी बेटी का आपरेशन किया। मेरी बेटी न सिर्फ चल फिर सकती है बल्कि आज वह एक बेटे की मां भी है।’

सुखजिंदर रंधावा ने कहा, स्वास्थ्य मंत्री अपनी अकड़ में यह भी भूल गए जब कोरोना महामारी में दिल्ली में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा था, तब पंजाब में पूरे उत्तर भारत के मरीज इलाज करवाने आ रहे थे। पंजाब का पहला कोविड सेंटर भी बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी में खुला था।

अश्वनी शर्मा ने कहा- एक प्रतिष्ठित डाक्टर के साथ यह व्यवहार कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं

वहीं, पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा, इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। एक प्रतिष्ठित चिकित्सक के साथ यह व्यवहार कतई बर्दाश्त के काबिल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मेरे पिता का इलाज डा. राज बहादुर ने किया तो भी कहने को क्या रह जाता है। उसी मुख्यमंत्री के मंत्री डा. राज बहादुर के साथ बदसलूकी करते हैं।

अश्वनी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को न सिर्फ चेतन सिंह जोड़ामाजरा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए बल्कि खुद पंजाब के लोगों के माफी मांगनी चाहिए। भाजपा के प्रदेश प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री को दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से बाहर आना चाहिए। वह रिमोट कंट्रोल से चलते रहेंगे ऐसी घटनाओं को रोका नहीं जा सकता है।

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