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Anil Masih: पढ़िए कब और किस पर लगाई जाती है धारा 340, जिसने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की बढ़ाई मुश्किलें

Kaam Ki Khabar चंडीगढ़ मेयर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर धारा 340 के तहत कार्रवाई की जाएगी। चंडीगढ़ मेयर मामले में आम आदमी पार्टी ने वोटों में हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट हो गया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की। तो जानते हैं क्या होती है धारा 340?

By Deepak Saxena Edited By: Deepak Saxena Updated: Tue, 20 Feb 2024 05:58 PM (IST)
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रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की बढ़ी मुश्किलें।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार टीटा को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया है। इसके साथ ही 53 वर्ष के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अनिल मसीह पर चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान मतपत्रों से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे। वोटों की हेराफेरी करने का मामला सामने आया था। इसके चलते शीर्ष अदालत ने धारा 340 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। आइए पढ़ते हैं धारा 340 के तहत कब और कैसे कार्रवाई होती है।

क्या होती है सीआरपीसी की धारा 340?

धारा 340 के अंतर्गत किसी मामले के पक्ष सबूतों को बाधित करने या झूठा बयान देकर अदालत का समय बर्बाद करना और न्याय में देरी करने पर, कार्रवाई होती है। इसके तहत अगर कोई सबूतों के साथ छेड़छाड़ या नुकसान पहुंचाता है या फिर गलत बयान देकर न्याय की स्थिति को मोड़ने का प्रयास करता है। तो उसके तहत आरोपी पर सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्रवाई की जाती है।

कब लगाई जाती है धारा 340?

अदालत धारा 340 को उस व्यक्ति पर लगाती है जो कानूनी काम में बाधा डालने की कोशिश करता है। इसके चलते अदालत की अवमानना और न्याय में देरी को लेकर आरोपी पर ये धारा लगाई जाती है।

यह है पूरा मामला

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर साल 2015 से बीजेपी के सदस्य बने हुए थे। इसके बाद मामले ने तब तूल पकड़ लिया। जब काउंटिंग सेंटर पर उन्होंने आठ वोटों को अवैध करार दे दिया था। इसके बाद आप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी को 12 के मुकाबले 16 मतों से हराकर मेयर चुनाव जीत लिया था। इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने कांग्रेस और आप के आठ मतों को अवैध ठहरा दिया था। आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप कुमार ने आठ मतों को अवैध ठहराने को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मेयर चुनाव पर सवाल उठाए।

पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने मतगणना के वीडियो में पीठासीन अधिकारी के आचरण को देखकर कहा था कि वह मतपत्रों को विरूपित करता दिख रहा है, ये लोकतंत्र की हत्या है। इसके बाद अधिकारी पर कार्रवाई की गई।

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