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रुचिका आत्महत्या मामला: दो नवंबर तक सुनवाई स्थगित, डीजीपी एसपीएस राठौर पर लगे थे कई गंभीर आरोप

टेनिस खिलाड़ी रुचिका से छेड़छाड़ के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका पर हरियाणा के पूर्व डीजीपी पर एसपीएस राठौर के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने पर लगी रोक हटाने की मांग की है। साल 2010 में इस मामले में जनता के विरोध के बाद यह मामला दर्ज किया गया था।

By Dayanand SharmaEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Wed, 27 Sep 2023 05:03 PM (IST)
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रुचिका आत्महत्या मामले की सुनवाई दो नवंबर तक पजांब और हरियाणा हाईकोर्ट में हुई स्थगित
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Ruchika suicide case टेनिस खिलाड़ी रुचिका छेड़छाड़ मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (Central Bureau of Investigation) की एक याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनवाई दो नवंबर तक स्थगित कर दी है। सीबीआई ने दोषी हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर (DGP SSP Rathore) के विरुद्ध आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने पर लगी रोक हटाने की मांग की है।

एजेंसी के मुताबिक, पूरे सबूतों की समीक्षा करने पर राठौर के खिलाफ प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। जनवरी 2010 में रुचिका छेड़छाड़ मामले में दोषी ठहराए जाने पर जनता के विरोध के बाद राठौर के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था।

सीबीआई ने रिपोर्ट पेश करने की अनुमति मांगी

हाई कोर्ट के समक्ष दायर अपनी अर्जी में सीबीआइ ने 25 जनवरी 2010 के उस आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिसके तहत राठौर के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने पर रोक लगा दी गई थी। एजेंसी ने 11 जनवरी 2010 को दर्ज प्राथमिकी में क्लोजर रिपोर्ट पेश करने की अनुमति मांगी है। एजेंसी ने दलील दी है कि वह अपनी रिपोर्ट के साथ तैयार है, इसलिए वर्तमान मामले में सुनवाई की तारीख तय करने से इस मामले का निपटारा हो सकता है।

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सीबीआई ने जांच की पूरी

जांच पूरी होने के बाद मामला निष्क्रिय फाइल में रखा गया था। संपूर्ण साक्ष्यों की समीक्षा की गई, जिसके बाद प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई। सीबीआइ ने जांच पूरी कर ली है लेकिन हाई कोर्ट के समक्ष इस मुद्दे पर याचिका के लंबित होने के कारण क्लोजर रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी।

 

इन मामले में पेश हुई क्लोजर रिपोर्ट

नवंबर 2010 में सीबीआइ ने दो मामलों में क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की। पहला हत्या का प्रयास और राठौर द्वारा जाली दस्तावेज का इस्तेमाल, जिसे अंततः अदालत ने स्वीकार कर लिया। यहां तक कि हाई कोर्ट ने नौ अगस्त 2016 को इन दोनों मामलों को बंद करने के सीबीआइ के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। आत्महत्या के लिए उकसाने का तीसरा मामला अभी भी लंबित है और सीबीआइ कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कर सकी, क्योंकि हाई कोर्ट ने 25 जनवरी 2010 को उस पर यथास्थिति का आदेश दिया था।

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