नजारा और मंच बदला, लेकिन नहीं बदले नवजाेत सिद्धू, पुराने अंदाज से पंजाब कांग्रेस में मचाई हलचल
Punjab Congress Rift पंजाब कांग्रेस में नवजाेत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। पार्टी में सिद्धू के लिए नजारा और मंच दोनों बदल गया है लेकिन इस फायर ब्रांड नेता का अंदाज नहीं बदला है। सिद्धू के पुराने अंदाज ने पार्टी में हलचल है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 24 Jul 2021 10:21 PM (IST)
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। फायर ब्रांड नवजोत सिंह सिद्धू के लिए कांग्रेस में मंच और नजारा दोनों बदल गया है, लेकिन नहीं बदला है तो उनका अंदाज और तेवर। अपने पुराने आक्रमक तेवर से उन्होंने पंजाब कांग्रेस के संग हाईकमान में भी हलचल पैदा कर दिया है। अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अपने मंच से ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष के ताबड़तोड़ हमले ने पार्टी के लिए बड़ी दुविधा की स्थिति पैदा कर दी है।
पिछले साल मोगा में हुई कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के बाद पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाकर रखने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाल लिया। महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने पहली बार मंच से पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मंच का नजारा जरूर बदला हुआ था, लेकिन सिद्धू का अंदाज और तेवर पुराने थे।
पदभार ग्रहण करने के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते नवजोत सिंह सिद्धू।(जागरण) सिद्धू लौट कर फिर 'बेअदबी' पर आए, प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालते ही सिद्धू ने दिखाए तेवर
बरगाड़ी बेअदबी के पुराने मुद्दे के साथ-साथ उन्होंने महंगी बिजली व शिक्षकों-डाक्टरों के धरने पर अपनी ही पार्टी की सरकार को जमकर घेरा और फिर अकालियों को भी आंखें दिखाई। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से दूरी बना कर चल रहे सिद्धू ने मंच से भाषण के दौरान भी कैप्टन का नाम लेने से परहेज किया। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर समेत किसी भी बड़े नेता का नाम नहीं लिया, जबकि अपना नाम दस बार दोहराया। 18 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने एक बार 'सीएम साहब' जरूर कहा। वहीं, कैप्टन ने अपने भाषण में तीन बार सिद्धू का नाम लिया।
पदभार ग्रहण समारोह में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का अंदाज। (जागरण)नवजोत सिंह सिद्धू के व्यवहार से हैरान व असहज नजर आए मंत्रीवहां बैठे मंत्री व अन्य नेता सिद्धू के इस व्यवहार से हैरान और असहज नजर आए। सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों कुलजीत नागरा, सुखमिंदर सिंह डैनी, पवन गोयल और संगत सिंह गिलजियां ने भी जिम्मेदारी संभाली। सिद्धू ने कैप्टन पर एक बार फिर अपने अंदाज में हमला बोला और कहा, 'मसला प्रधानगी का नहीं है। मसला यह है कि किसान दिल्ली में धरना दे रहे हैं। मसला यह है कि ईटीटी शिक्षक, डाक्टर, बस ड्राइवर, कंडक्टर धरना दे रहे है। मसला यह है कि मेरे गुरु की बेअदबी हुई है। जिस दिन मेरे गुरु का इंसाफ होगा, उस दिन समझूंगा पंजाब का कार्यकर्ता जिंदा है।'
समारोह में पूर्व सीएम राजिंदर कौर भट्टल का आशीर्वाद लेते नवजोत सिंह सिद्धू। (जागरण)खास बिंदु
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- - कैप्टन ने सरकार के कामकाज की तारीफ की, जबकि सिद्धू अपनी ही सरकार को घेरते रहे।
- - कैप्टन ने वर्करों से कहा कि सिद्धू का सहयोग करें। सिद्धू ने कैप्टन का आर्शीवाद तक नहीं मांगा।
- - कैप्टन ने तीन मंत्रियों बलबीर सिंह सिद्धू, ओपी सोनी व विजय इंदर सिंगला के काम को सराहा, तो जवाब में सिद्धू ने सुख सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा व हरीश रावत का नाम लिया।
- - कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के काम की सराहना की, तो सिद्धू ने ईटीटी शिक्षकों व डाक्टरों की हड़ताल का जिक्र किया।
- - कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिद्धू को कुछ कहने के लिए बुलाया, लेकिन उन्हाेंने एक बार भी नहीं सुना।
- - नवजोत सिद्धू जब भाषण देने के लिए उठे तो पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल के पैर छुकर आशीर्वाद लिया, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ देखा तक नहीं।