Punjab News: इंटरनेट और कंप्यूटर से लैंस हैं स्कूल ऑफ एमिनेंस, विद्यार्थियों का हो रहा है ओवरऑल विकास
सीएम मान ने कहा कि सबसे बड़ी बात है कि आपकी मानसिकता कैसी है। टीम का मनोबल ऊंचा होता है तो वह कोई भी मैंच जीत सकती है। इसी लिए जब हमारी सरकार ने स्कूल ऑफ एमिनेंस को खोलने का फैसला किया तो यह निर्णय भी साथ के साथ ही हुआ कि हरेक कीमत पर विद्यार्थियों के मनोबल को ऊंचा रखना है और विद्यार्थियों का ओवर आल विकास करना है।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पुरानी कहावत हैं ‘हाथी पालना हैं तो घर के दरवाजे भी बड़े करने होते हैं।’ पंजाब की मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार भी कमोवेश इसी धरणा पर चल रही है। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का ओवर आल विकास हो, यह विद्यार्थी अपना सुनहरा भविष्य लिख सके इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य में 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस की शुरूआत की।
इन स्कूलों को जहां आधुनिक टेक्नोलाजी से लैस किया गया है वहीं, यहां पर शिक्षा के साथ-साथ खेल, कला, संगीत और नाट्य कला में भी विद्यार्थियों को निपुण किया जा रहा है। स्कूल ऑफ एमिनेंस को लेकर पंजाब सरकार कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि स्कूल के लिए खरीदे गए फर्नीचर के लिए भी हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाता है। कमेटी बाजार में स्कूलों के लिए मौजूद सभी प्रकार के फर्नीचर का मूल्यांकन करती है और फिर फर्नीचर को खरीदती है।
स्कूल की बिल्डिंग के बाद अगर कोई चीज विद्यार्थियों को आकर्षित करती हैं तो वह फर्नीचर होता है। जानकारी के अनुसार स्कूल ऑफ एमिनेंस के लिए खरीदे गए फर्नीचर को लेकर इस बात का भी ध्यान रखा गया कि मेज और कुर्सी पर बैठने वाले विद्यार्थी के मनोदशा पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। विद्यार्थी को इस बात का कतई एहसास न हो कि वह सरकारी स्कूल में शिक्षा ले रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सबसे बड़ी बात होती हैं कि आपकी मानसिकता कैसी है। जिस टीम का मनोबल ऊंचा होता है तो वह कोई भी मैंच जीत सकती है। इसी लिए जब हमारी सरकार ने स्कूल ऑफ एमिनेंस को खोलने का फैसला किया तो यह निर्णय भी साथ के साथ ही हुआ कि हरेक कीमत पर विद्यार्थियों के मनोबल को ऊंचा रखना है और विद्यार्थियों का ओवर आल विकास करना है।
इसी का परिणाम हैं कि स्कूल ऑफ एमिनेंस में पढ़ कर 158 विद्यार्थियों ने जेईई में क्वालीफाई किया। स्कूल ऑफ एमिनेंस को न सिर्फ कंप्यूटर और इंटरनेट सुविधा से जोड़ा गया है बल्कि विद्यार्थियों के लिए एक्सट्रा क्लास, आन लाइन पढ़ाई के लिए एलईडी आदि का भी ध्यान रखा गया है।विद्यार्थी केवल किताबों तक ही सीमित न हो जाएं इसके लिए खेल, संगीत, नाटकीय एक्टीविटी के लिए भी विंग बनाए गए हैं। ताकि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व में पूर्ण रूप से परिवर्तन आए। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं ‘स्वच्छ तन में ही स्वच्छ मन रहता हैं। विद्यार्थी अगर खेलेगा नहीं और स्वस्थ नहीं रहेगा तो वह पूरी ऊर्जा के साथ पढ़ाई कैसे करेगा।’
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