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Sidhu Moose Wala Murder: एक दिन पहले ही सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा की गई थी कम, विपक्ष का भगवंत मान सरकार पर निशाना

Singer Sidhu Moose Wala भगवंत मान सरकार ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा एक दिन पहले ही कम की गई थी और अगले ही दिन उनकी हत्‍या हो गई। इसके बाद विपक्ष ने भगवंत मान सरकार पर हमला किया है और सुरक्षा कम करने पर सवाल उठाए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 29 May 2022 10:21 PM (IST)
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पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला। (एएनआइ)
चंडीगढ़, जेएनएन। कांग्रेस नेता और मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार सवालों के घेरे में गई है। पंजाब सरकार ने कल ही सिद्धू मूसेवाला सुरक्षा में कमी कर दी थी। उनकी सुरक्षा में पहले चार पुलिसकर्मी तैनात और इसे घटाकर दो कर दिया गया था। कांग्रेस , भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा कमी किए जाने और इसके बाद उनकी हत्‍या को लेकर भगवंत मान सरकार पर हमला किया है। 

विपक्षी नेताओं ने कहा है कि सिद्धू मूसेवाला को पहले से काफी खतरा था। ऐसे में उनकी सुरक्षा क्‍यों हटाई गई। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा व अन्‍य नेताओंं ने कहा कि पंंजाब की भगवंत मान सरकार ने राजनीतिक वाह-वाही लेने के लिए सुरक्षा हटाकर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी। उन्‍होंंने हत्‍या के लिए पंजाब सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया। 

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला जानेमाने कलाकार थे और अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान की गंदी राजनीति के कारण उनकी जान चली गई। पहले सुरक्षा वापस लेना और फिर इस बारे में सार्वजनिक‍ करने जैसा कदम बेहद खतरनाक है।

 राहुल गांधी और कांग्रेस ने हत्‍या पर गहरा दुख जताया

 कांग्रेस के पूर्व राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा, उभरते कांग्रेस नेता और प्रतिभाशाली कलाका  सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या की खबर से मैं स्‍तब्‍ध रह गया। सिद्धू मूसेवाला के परिवार, करीबियों और चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।  

कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार वेरका ने तो सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए पंजाब सरकार पर पर्चा दर्ज करने की मांग कर दी है। वहीं, भाजपा नेता सुनील जाखड़ ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या को बेहद चौंकाने वाली घटना बताया है। उन्होंने पंजाब सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, सस्ता प्रचार पाने के लिए सुरक्षा मुद्दों से छेड़छाड़ के लिए आम आदमी पार्टी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

 भाजपा के महासचिव डा. सुभाष शर्मा ने कहा कि पंजाब में अमन शांति से बढ़कर कुछ नहीं है। पंजाब सरकार सुरक्षा जैसे अतिसंवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान जोकि गृह विभाग भी देख रहे हैंं,  वह केवल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पीआर कर रहे है। उनका ध्यान राज्य की कानून व्यवस्था की तरफ नहीं है। 

 किसने क्‍या कहा - 

'' मुझे विश्वास नहीं हो रहा, कैसे अभिव्यक्ति करूं। हैरान हूं। सिद्धू मूसेवाला के रूप में कांग्रेस ने एक होनहार सितारा खो दिया है। भगवंत मान द्वारा उनकी सुरक्षा वापस लेने के ठीक 2 दिन बाद मानसा में उन पर गोलियों की बौछार कर दी गई। आप पंजाब सरकार ने नैतिक अधिकार खो दिया है।

                                                                  - अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान। 

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'' सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। सुरक्षा वापस लेने एवं सुरक्षा वापसी के अति गोपनीय पत्र की सूचना सारी मीडिया में सार्वजनिक होने के अगले दिन ही हुई युवा सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जांच केंद्रीय एजेंसी को करनी चाहिए।

                                                                    - विजय सांपला, भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री। 

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'' सिद्धू मूसेवाला की जघन्य हत्या से मैं स्तब्ध और गहरा दुखी हूं। इसमें शामिल किसी को बख्शा नहीं जाएगा। मेरे विचार और प्रार्थनाएं उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के साथ हैं। मैं सभी से शांत रहने की अपील करता हूं।

                                                                                                    - भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब। 

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'' सीएम को भी ईमानदारी से सोचना चाहिए कि क्या मूसेवाला की सुरक्षा वापस लेने का सस्ता लोकलुभावन निर्णय सीधे तौर पर त्रासदी के लिए जिम्मेदार है। आखिरकार, उनको जीवन के लिए एक वास्तविक खतरा का सामना करना पड़ा। यह राजनीतिक बिंदु स्कोरिंग का समय नहीं है, लेकिन किसी को स्थिति की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

                                                                            - सुखबीर बादल, प्रधान,  शिरोमणि अकाली दल। 

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'' सिद्धू मूसेवाला की निर्मम हत्या चौंकाने वाली है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अपराधियों को कानून का डर नहीं है। पंजाब की आप सरकार बुरी तरह विफल रही है। पंजाब में कोई सुरक्षित नहीं।

                                                                                    - कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब। 

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इस साल हुईं बड़ी आपराधिक घटनाएं

  • - 14 मार्च जालंधर के मल्लियां गांव में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबिया की कबड्डी टूर्नामेंट के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गई। हालांकि विधान सभा के चुनाव परिणाम आ गए थे लेकिन सरकार का गठन नहीं हुआ था।
  • - 29 अप्रैल पटियाला में शिव सेना और खालिस्तान समर्थकों के बीच सांप्रदायिक विवाद हुआ। इस दौरान प्रसिद्ध काली माता मंदिर के दरवाजे पर तलवार मारे गए।
  • - 10 मई पंजाब पुलिस के खुफिया विभाग के मोहाली स्थित मुख्यालय में ग्रेनेड से हमला किया गया।
पंजाब सरकार ने शनिवार को 424 लोगों की सुरक्षा में की थी कटौती

बता दें कि पंजाब सरकार ने वीआइपी सुरक्षा में कटौती करते हुए शनिवार को कई धर्मगुरुओं, विधायकों व पुलिस अधिकारियों समेत 424 लोगों की सुरक्षा में कमी कर दी। इनमें श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह, डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों व पंजाब के शाही इमाम मौलाना मोहम्मद उस्मान रहमानी व गायक सिद्धू मुसेवाला भी शामिल थे।

वहीं, कुछ सिख संगठनों की आलोचना के बाद सरकार ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सुरक्षा बहाल कर दी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने दावा किया कि जत्थेदार ने इसे वापस लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद एसजीपीसी के अध्यक्ष के आदेश पर एसजीपीसी की टास्क फोर्स के कर्मचारियों का एक हथियारबंद दस्ता जत्थेदार की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बयान दिया था कि सिखों को सुरक्षा के लिए लाइसेंसी हथियार रखने चाहिए। इस बयान की मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आलोचना की थी।

जिन अन्य धर्मगुरुओं की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें डेरा रुमीवाला भुच्चो मंडी (बठिंडा) के प्रमुख बाबा सुखदेव सिंह, डेरा सचखंड बल्लां के प्रमुख संत निरंजन दास, लुधियाना स्थित भैणी साहिब के प्रमुख सतगुरु उदय सिंह, श्री दरबार साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह भी शामिल हैं।

इसके अलावा प्रसिद्ध पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा, पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा, शमशेर सिंह दूलो, कांग्रेस के लगभग सभी पूर्व विधायकों की सुरक्षा में कमी की गई है। सभी की सुरक्षा में पंजाब आ‌र्म्ड पुलिस के कमांडो तैनात थे, जिन्हें वापस स्टेट आ‌र्म्ड पुलिस में रिपोर्ट करने को कहा गया है।

पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा में भी कैंची चलाई गई है। सरकार ने एडीजीपी एसके अस्थाना, एलके यादव, एमएफ फारूखी, प्रवीण कुमार सिन्हा, शशि प्रभा द्विवेदी, वी. नीरजा, आइजी जतिंदर औलख, गौतम चीमा, गुरिंदर सिंह, अनन्या गौतम, डीआइजी नीलांबरी जगदले, डीसीपी जतिंदर मंड के सुरक्षाकर्मी भी वापस लिए हैं। 

सरकार बनने के बाद तीसरी बार कटौती

आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद तीसरी बार वीआइपी की सुरक्षा में कटौती की गई है। 17 दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्ठल, सांसद हरसिमरत बादल, कांग्रेस के पूर्व नेता सुनील जाखड़, जबकि इससे पहले शिअद नेत्री बीबी जगीर कौर की सुरक्षा कम की गई थी। 

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