Mann Government's Decision: भगवंत मान सरकार ने एक माह में निभाए सात वचन, पढ़ें कौन-कौन बड़े वादे किए पूरे
पंजाब में भगवंत मान ने गत माह 16 मार्च को खटकड़कलां में सीएम पद की शपथ ली थी। इस दौरान भगवंत मान सरकार ने सात बड़े फैसले किए। 300 यूनिट मुफ्त बिजली जुलाई माह से देने की घोषणा की गई है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 16 Apr 2022 11:17 AM (IST)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। भगवंत मान के नेतृत्व में बनी आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने एक माह के अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव पूर्व किए कई वादे पूरे किए हैं। सरकार ने हर घर को 300 यूनिट निश्शुल्क बिजली जुलाई माह देने की घोषणा से लोगों को काफी राहत मिली है।
दरअसल, मुफ्त बिजली का मामला विगत बुधवार को कैबिनेट की मीटिंग में आना था और बिजली विभाग ने एजेंडा बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय में भेज दिया था, लेकिन ऐन मौके पर इसे वापस ले लिया गया। अब सरकार अपने कार्यकाल के एक माह पूरा होने पर इसकी घोषणा की है।
विधानसभा चुनाव में आप की प्रचंड जीत में 300 यूनिट बिजली निश्शुल्क देने के वादे का बड़ा हाथ रहा है। इसके अलावा हर महिला को एक हजार रुपये देने की घोषणा ने भी अपनी महत्वपूर्ण निभाई। पहले महीने में सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने संबंधी जो काम शुरू किया है, उसका असर निचले स्तर तक दिखने लगा है।
सारे पंजाबियों को बधाई!
एक जुलाई से हर परिवार को हर महीने 300 यूनिट बिजली फ्री मिलेगी।
हम अपनी दी हुई गारंटी पूरी करते हैं। पंजाब की जनता को दी गई बाकी गारंटिया भी हम एक-एक कर के पूरी करेंगे।
अब जनता का पैसा जनता की सहूलियत पर खर्च किया जाएगा। pic.twitter.com/2PBf0ibAEP
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 16, 2022
हालांकि, मुख्यमंत्री भगवंत मान के काम करने के स्टाइल पर उसी तरह के सवाल उठने लगे हैं, जिस तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह पर उठते रहे हैं। भगवंत मान ने भी अपनी सरकार के पहले महीने का ज्यादातर समय अपने आवास पर रहकर ही गुजारा है, जबकि वह खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह की महल से सरकार चलाने की आलोचना करते रहे।
मान ने पहले महीने में कई बड़े फैसले लिए हैं। हालांकि, ये सभी फैसले अभी घोषणाओं तक सीमित हैं। इनको अमल में लाने के लिए कानून बनने और नए ब्लू प्रिंट तैयार होने हैं, लेकिन सरकार ने सही दिशा में कदम अवश्य उठा दिए हैं।
बड़े फैसले25 हजार नौकरियां देने की घोषणामुख्यमंत्री मान ने 18 मार्च को कैबिनेट की पहली बैठक में 25 हजार लोगों को नौकरियां देने का फैसला किया। मान ने मुख्यमंत्री बनते ही कहा था कि उनकी सरकार का पहला फैसला बेरोजगारी को दूर करने के लिए लिया जाएगा।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए वाट्सएप नंबर जारी कियाभ्रष्टाचार रोकने के लिए मान ने 23 मार्च को भगत सिंह के बलिदान दिवस पर एक वाट्सएप नंबर जारी किया गया, जिसमें आने वाली शिकायतों के आधार पर दो केस भी दर्ज किए। इसका असर अब दफ्तरों के कामकाज में दिखाई दे रहा है।पूर्व विधायकों व विधायकों को सिर्फ एक पेंशनसरकार ने सबसे महत्वपूर्ण घोषणा पूर्व विधायकों व विधायकों को सिर्फ एक पेंशन देने की की है। इससे पहले हर कार्यकाल की अलग पेंशन मिलती थी। इस घोषणा को पूरा करने के लिए सरकार जल्द ही बिल लाएगी, जिसमें स्पष्ट होगा कि यह योजना नए विधायकों के लिए है या फिर पुरानों पर भी लागू होगी।
घर पर राशन पहुंचाने की घोषणामुख्यमंत्री ने 28 मार्च को नीले कार्ड धारकों को घर पर राशन पहुंचाने की घोषणा की है। यह माडल दिल्ली में उपराज्यपाल से अनुमति न मिलने के कारण सिरे नहीं चढ़ सका। मान ने दावा किया कि इस पर जल्द ही रणनीति बनाई जाएगी।निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा पाएंगेमान ने 30 मार्च को निजी स्कूलों को फीस न बढ़ाने के आदेश दिए, जो एक बड़े वर्ग के लिए सुखद खबर रही। हालांकि, तब तक कई स्कूल ऐसा कर चुके थे। सरकार जल्द ही इस पर एक रणनीति बनाने जा रही है।
फील्ड में जाकर अधिकारी सुनें लोगों की शिकायतेंमुख्यमंत्री ने चार अप्रैल को सभी डिप्टी कमिश्नरों को आदेश दिए कि वे सप्ताह में कम से कम एक दिन गांव में जाकर बैठकें करें और वहां लोगों की समस्याएं सुनें। इससे सरकार को लोगों की वास्तविक समस्या का पता चलेगा, जिससे वह उसके अनुसार काम करेगी।संगठित अपराध को रोकने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठनपंजाब में आप की सरकार बनने पर कई जगह हुई गैंगवार में युवाओं की हत्याएं हुई हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन करने की घोषणा की। एडीजीपी प्रमोद बान को इसकी कमान सौंपी गई है।
इन कार्यों ने सरकार को कठघरे में खड़ा कियाकुछ ऐसे काम भी रहे हैं, जिसने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। इनमें पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी व अन्य सीनियर वरिष्ठ अधिकारियों को अरविंद केजरीवाल द्वारा बुलाकर बैठक करना और उस बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान का शामिल न होना है। इसको लेकर मान सरकार की चौतरफा आलोचना भी हुई है।
इसके अलावा विधानसभा की विरासती इमारत में शहीद भगत सिंह, डा. भीमराव अंबेडकर, महाराजा रंजीत सिंह की प्रतिमा लगाने की घोषणा करने पर भी सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र का दौरान प्रतिमा लगाने की घोषणाएं कर दी, जबकि उन्हें बाद में पता चला कि इस इमारत में प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती है।जिन पर लेने हैं बड़े फैसलेसरकार को अभी कई ऐसे बड़े फैसले लेने हैं, जिसमें सरकार राज्य की आमदनी कैसे बढ़ाएगी, इस दिशा का पता चले। चौदह हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी को कैसे कंट्रोल किया जाएगा, इस पर सरकार ने अभी तक कोई दिशा नहीं दिखाई है। नई आबकारी नीति पर भी काम करने का दावा किया जा रहा है, जिससे राज्य की आमदनी बढ़े।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।