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High Court: 12 साल की बच्ची से यौन उत्पीड़न, आरोपी की सजा के खिलाफ अपील हाईकोर्ट से खारिज

मामला फरीदाबाद में 12 साल की बच्ची से यौन उत्पीड़न का है। शिकायत के अनुसार पीड़िता को बाथरूम में घसीट कर एक सप्ताह में तीन बार यौन उत्पीड़न किया गया और उसे धमकी दी गई कि यदि उसने किसी को बताया तो उसके मां-बाप को मार दिया जाएगा। वहीं पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने आरोपी की सजा के खिलाफ अपील खारिज कर दी।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 21 Jun 2024 06:00 AM (IST)
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12 साल की बच्ची से यौन उत्पीड़न, आरोपी की सजा के खिलाफ अपील हाईकोर्ट से खारिज
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। साल की बच्ची से यौन उत्पीडन के मामले में पाक्सो एक्ट में दोषी करार दिए गए व्यक्ति की सजा के खिलाफ अपील को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सिरे से खारिज कर उसकी पांच साल की सजा बरकरार रखी है।

हाई कोर्ट ने सात दिन की देरी से एफआइआर दर्ज होने की दलील को खारिज करते हुए कहा कि इस उम्र में उसके साथ क्या हुआ यह समझने में उसे समय लग सकता है जो देरी का कारण हो सकता है। मामला फरीदाबाद में 12 साल की बच्ची से यौन उत्पीड़न का है।

शिकायत के अनुसार पीड़िता को बाथरूम में घसीट कर एक सप्ताह में तीन बार यौन उत्पीड़न किया गया और उसे धमकी दी गई कि यदि उसने किसी को बताया तो उसके मां-बाप को मार दिया जाएगा।

अपराध को मानसिक रूप से समझना संभव नहीं होगा

इस मामले में सजा के फैसले के खिलाफ अपील पर हाई कोर्ट ने कहा कि यह समझना होगा कि यौन उत्पीड़न पर 12 वर्षीय पीडि़त बालिका मानसिक रूप से यह समझने में सक्षम नहीं होगी कि उसके साथ क्या किया गया था। हालांकि पीड़िता यह बता सकती है कि उसके साथ क्या किया गया था, क्योंकि उस उम्र में इस कृत्य से जुड़ी कोई शर्म की भावना नहीं होती है, लेकिन अपराध को मानसिक रूप से समझना संभव नहीं होगा। यह देरी का संभव कारण हो सकता है।

पीड़िता ट्रायल के दौरान अपनी कहानी पर अड़ी रही

हाई कोर्ट ने कहा कि स्कूल का रिकॉर्ड साफ बताता है कि वह 12 साल सात माह की थी। साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि पीडि़ता की मेडिकल रिपोर्ट में साफ किया गया था कि उसके साथ शारीरिक संबंध होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पीड़िता ट्रायल के दौरान अपनी कहानी पर अड़ी रही है और उसने ईमानदारी से, बेबाकी से लगातार घटनाओं को वैसे ही बताया है जैसे वे घटित हुई थीं।

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