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SGPC ने गुरमीत राम रहीम के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका, गुरु गोबिंद सिंह की वेशभूषा से जुड़ा है मामला

हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में एसजीपीसी ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। 2007 में बठिंडा में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई की मांग की गई है। गुरमीत राम रहीम ने सलाबतपुरा में गुरु गोबिंद सिंह जी की वेशभूषा धारण की थी। हाई कोर्ट ने याचिका में देरी पर एसजीपीसी से जवाब मांगा है।

By Dayanand Sharma Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 25 Sep 2024 06:11 PM (IST)
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एसजीपीसी ने गुरमीत राम रहीम पर कार्रवाई के लिए दायर की याचिका
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के खिलाफ बठिंडा में 2007 में दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसजीपीसी ने हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है।

गुरमीत राम रहीम ने सलाबतपुरा में गुरु गोबिंद सिंह जी की वेशभूषा धारण की थी। इस मामले में उनके खिलाफ 20 मई 2007 को बठिंडा में आइपीसी की धारा 295 ए के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी।

2014 पुलिस ने कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल कर दी कि कोई जुर्म नहीं बनता, लेकिन सीजेएम बठिंडा ने इस पर कहा कि जुर्म बनता है और गुरमीत राम रहीम को समन कर दिया गया था।

इसके बाद गुरमीत राम रहीम ने सीजेएम के आदेश के खिलाफ सेशन कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सेशन जज ने सात अगस्त 2014 को पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए उनको समन किए जाने के आदेश रद कर दिए थे।

तब जसपाल सिंह मंजपुर ने 2015 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सेशन जज के इन आदेशों को चुनौती देते हुए इसे रद करने की मांग की थी। इस पर हाईकोर्ट ने गुरमीत राम रहीम और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया था।

एसजीपीसी ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका

अब एसजीपीसी ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी और सेशन जज के आदेशों को चुनौती दे दी है। यह याचिका एसजीपीसी चंडीगढ़ सब ऑफिस के इंचार्ज लखबीर सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा है कि गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म और हत्या जैसे मामलों में दोषी करार किया जा चुका है, ऐसे में उनको राहत नहीं दी जानी चाहिए।

एसजीपीसी की यह याचिका करीब नौ वर्ष बाद दायर की गई है, इसलिए हाई कोर्ट ने फिलहाल याचिका देरी से दाखिल किए जाने पर नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने सुनवाई अब सात नवंबर के लिए स्थगित कर दी है और इसी मामले को लेकर पहले से दायर सभी याचिकाओं के साथ इस याचिका पर सुनवाई के आदेश दिए हैं।

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