शेखावत करेंगे खट्टर व मान संग बैठक, 15 अक्टूबर को बेनतीजा रही थी दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वार्ता
सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ सकता है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की चार जनवरी को बैठक बुलाई है।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sat, 31 Dec 2022 08:42 AM (IST)
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ सकता है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की चार जनवरी को बैठक बुलाई है। हालांकि, इससे पहले दोनों राज्य के मुख्यमंत्री 15 अक्टूबर को मिल चुके हैं, लेकिन दोनों ही किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे। अब यह प्रयास केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे।
दूसरे राज्य को देने के लिए एक बूंद पानी नहीं है - भगवंत मान
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री 15 अक्टूबर को हरियाणा निवास पर मिले थे, जहां पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य के पास किसी भी दूसरे राज्य को देने के लिए एक बूंद पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि एसवाईएल को बनाने का मुद्दा तभी सामने आएगा, अगर पंजाब के पास देने के लिए पानी होगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस मुद्दे पर यह उनकी अंतिम बैठक थी। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को इस बारे में बता देंगे और यदि केंद्र सरकार इस मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहता है तो वह कर सकती है।
भगवंत मान राजस्थान में छुट्टी बिताने गए हुए हैं
सूत्रों का कहना है कि गजेंद्र सिंह शेखावत ने दोनों मुख्यमंत्रियों को उनकी सुविधा के अनुसार बैठक के लिए आमंत्रित किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान इस समय अपनी पत्नी के साथ राजस्थान में छुट्टी बिताने गए हुए हैं। उनके शनिवार को लौटने की उम्मीद है। इस बीच राज्य सरकार ने इस बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।किसी राज्य को देने के लिए पानी नहीं
पंजाब दोनों राज्य एसवाईएल नहर को लेकर अपने-अपने रुख पर अड़े हुए हैं। पंजाब का कहना है कि उसके पास किसी भी राज्य को देने के लिए पानी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे इस केस में अदालत ने यह आदेश दिया है कि दोनों पक्ष मिलकर इस मुद्दे का हल करें। उन्होंने केंद्र सरकार को भी इसमें हस्तक्षेप करने को कहा है।
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