पंजाब की सियासत में तीन दशक बाद होगा बदलाव, क्या बादल परिवार से बाहर का व्यक्ति संभालेगा अकाली दल की कमान?
Punjab News पंजाब में अकाली दल के प्रधान पद से सुखबीर बादल के इस्तीफे के बाद पार्टी में 30 साल पुरानी परंपरा टूटने की संभावना है। खास बात है कि सौ वर्ष से ज्यादा पुरानी पार्टी शिरोमणि अकाली दल का प्रधान पिछले तीन दशकों से बादल परिवार से ही रहा है। लेकिन अब अकाली दल को बादल परिवार से इतर नया चीफ मिल सकता है
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान पद से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक हलकों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या तीन दशक बाद पार्टी को बादल परिवार से बाहर कोई नया प्रधान मिलेगा या फिर परिवार के व्यक्ति ही कमान संभालेगा।
दिलचस्प बात यह है कि सौ वर्ष से ज्यादा पुरानी पार्टी शिरोमणि अकाली दल का प्रधान पिछले तीन दशकों से बादल परिवार से ही रहा है। अब तक पार्टी बीस प्रधान देख चुकी है और अब एक बार फिर से यह मौका आया है जब शिरोमणि अकाली दल का प्रधान पद बादल परिवार से न होकर कोई और हो।
किसी ओर को मिलेगी अकाली दल की कमान
शिरोमणि अकाली दल की प्रधानगी को लेकर सुखबीर बादल पर इस्तीफे का दबाव कोई नया नहीं है। इससे पहले भी सन् 1999 में जब खालसा पंथ की त्रैशताब्दी मनाई जानी थी तब अकाली दल के प्रधान पद किसी और को देने की बात आई थी।तब के एसजीपीसी प्रधान जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पार्टी की प्रधानगी किसी अन्य को देने की मांग यह कहते हुए उठाई थी कि मुख्यमंत्री होने के नाते उनके पास काफी काम होता है इसलिए उन्हें पार्टी की कमान किसी और को सौंप देनी चाहिए।
प्रकाश सिंह बादल जो उस समय पार्टी में काफी सशक्त थे, ने ऐसे हालात पैदा कर दिए कि जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहरा को एसजीपीसी की प्रधानगी छोड़नी पड़ी। हालांकि, श्री अकाल तख्त साहिब के तब के जत्थेदार भाई रंजीत सिंह ने त्रैशताब्दी समारोहों तक इस टकराव से बचने के आदेश भी दिए थे।
यह भी पढ़ें- सुखबीर सिंह बादल को दीवाली के बाद सजा सुनाएगी SGPC, किन आरोपों में घिरे हैं अकाली दल के अध्यक्ष?
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।