HSGPC Election: हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव लड़ेगा अकाली दल, सुखबीर बादल ने किया ऐलान
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पंजाब में आई बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा पंजाब की आप सरकार ने समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए। वहीं बादल ने यह भी साफ कर दिया कि अकाली दल हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव लड़ेगा। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ये चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी।
चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। Sukhbir Badal News शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को घोषणा की कि अकाली दल हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति का चुनाव लड़ेगा। उन्होंने संगत से अपील की कि वे गुरुद्वारों के प्रबंधन से कांग्रेसी आधुनिक महंतों के नियंत्रण से मुक्त कराएं। उन्होंने भाजपा की मदद से इस व्यवस्था पर कब्जा कर लिया है।
यहां मीडिया कर्मियों से बात करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी ये चुनाव अपने चुनाव चिन्ह पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा ध्यान हरियाणा में सिखों को अपनी गुरुद्वारा कमेटी का अधिकार दिलाना और मौजूदा कमेटी को उन मौजूदा प्रबंधकों से छुटकारा दिलाना है जो सभी सिद्धांतों और नियमों के खिलाफ आधिकारिक बैठकों में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं।
'बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं'
सुखबीर बादल ने पार्टी की कोर कमेटी के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि अकाली दल का मानना है कि पंजाब में बाढ़ एक मानव निर्मित त्रासदी है और इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बाढ़ रोकने के लिए मानसून से पहले कदम उठाने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वह भाखड़ा और पौंग बांधों से छोड़े गए पानी का प्रबंधन करने में विफल रहे, जिस कारण पंजाब का बड़ा हिस्सा बाढ़ में डूब गया और वह अपने बॉस अरविंद केजरीवाल के साथ अपनी चुनावी बैठकों के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चले गए। इससे सात लाख एकड़ में धान की फसल नष्ट होने से 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
'...किसानों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है'
बादल ने यह भी मांग की कि बाढ़ प्रभावित किसानों और मजदूरों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए और उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जारी किया गया 186 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने वादा किया था कि गिरदावरी से पहले किसानों को अंतरिम मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन तीन फसलों के नुकसान के बावजूद वह कोई मुआवजा देने में विफल रही।
उन्होंने कहा कि पंजाब में बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि 15 अगस्त तक मुआवजा जारी कर दिया जाएगा, लेकिन वह किसानों को मुआवजे के तौर पर 4000 रुपये के चेक छपे हुए लिफाफे में बांटते रहे। उन्होंने कहा कि कोर कमेटी ने यह भी मांग की है कि जिन किसानों की फसल बर्बाद हुई है, उन्हें प्रति एकड़ 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाए, जिनके मकानों की क्षति हुई है, उनके लिए 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। जिन किसानों की जान गई है, उन्हें 25 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।