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Lok Sabha Election 2024: AAP के सांसद सुशील रिंकू और MLA शीतल अंगुराल के BJP में जाने से लगा झटका, CM मान संभालेंगे मोर्चा

पंजाब में लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान होते ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। जहां हाल ही में आप के सांसद सुशील रिंकू और विधायक शीतल अंगुराल ने बीजेपी ज्वाइन कर ली। इससे आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। वहीं पंजाब में कुछ विधायक नाराज चल रहे हैं। इसके चलते अब पंजाब सीएम भगवंत मान अपने विधायकों को मनाने का दारोमदार संभाल सकते हैं।

By Inderpreet Singh Edited By: Deepak Saxena Updated: Sat, 30 Mar 2024 07:00 PM (IST)
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AAP के सांसद सुशील रिंकू और MLA शीतल अंगुराल के BJP में जाने से लगा झटका (फाइल फोटो)।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील रिंकू और विधायक शीतल अंगुराल के भारतीय जनता पार्टी में चले जाने से पार्टी को झटका लगा है। पार्टी में कई विधायकों की मंत्री पद की कुर्सी जाने सीनियर होने के बावजूद मंत्री न बनाने, काम न होने और अपने हलकों में ही सामांतर नेताओं को शक्तियां देने के कारण बहुत से विधायक पहले ही नाराज चल रहे थे लेकिन सरकार होने के कारण वे पार्टी को छोड़ने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे।

CM मान संभालेंगे विधायकों को मनाने की कमान

शीतल अंगुराल ने दूसरी पार्टियों में जाने की एक पगडंडी जरूर खड़ी कर दी है। अब यह सारा दारोमदार पार्टी की लीडरशिप पर है कि वह दूसरे पार्टी नेताओं को जाने से कैसे रोकती है और उनकी नाराजगी को कैसे दूर करती है। सूत्रों का कहना है कि चूंकि 30 और 31 मार्च को पार्टी दिल्ली में होने वाली आईएनडीआईए की रैली को लेकर व्यस्त है लेकिन यह रैली खत्म होते ही पंजाब में विधायकों को मनाने की कमान खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान संभालेंगे।

सक्रिय न चल रहे विधायकों की सूची बनानी शुरू

वह विधायकों से ग्रुप में या एक साथ भी बात कर सकते हैं। पार्टी नेताओं ने ऐसे विधायकों की सूची बनानी शुरू कर दी है जो पिछले समय से पार्टी में सक्रिय नहीं चल रहे हैं। इसके अलावा उन विधायकों पर खास नजर रखी जा रही है जिनके संसदीय हलकों में उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं लेकिन अभी तक उन्होंने सक्रियता नहीं दिखाई है।

हार जीत तय करेंगे विधायक

पूरे संसदीय हलके के लिए चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार भी नए हैं इसलिए उनकी जीत हार पूरी तरह से विधायकों पर ही निर्भर करती है। सरदूलगढ़ से विधायक गुरप्रीत सिंह बनांवाली ने बठिंडा संसदीय सीट के उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुड्डियां के लिए अपने हलके में कामयाब रैली कर दी है लेकिन बहुत से विधायक अभी ऐसे हैं जो सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे हैं।

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बहुत से विधायक नाराजगी के कारण बनाए हैं कार्यक्रम से दूरी

पार्टी के नेताओं का कहना है कि अगर विधायक कमजोर साबित हुए तो संसदीय सीट पर हारने से उन्हें कोई नहीं रोक पाएगा। यह टेस्ट संसदीय सीट पर लड़ रहे उम्मीदवार का नहीं बल्कि विधायकों का भी है। उन्होंने माना कि बहुत से विधायक नाराज होने के कारण पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के दिन रात को यह लग रहा था कि पूरे पंजाब से लोग नाराज होकर सड़कों पर उतरकर नाराजगी व्यक्त करेंगे और सड़कों, रेल आदि को जाम कर देंगे।

लीडरशिप में दिखाई दी हताशा

इस आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सभी जिला पुलिस प्रमुखों को भी अलर्ट रहने को कहा गया लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। गिरफ्तारी के अगले दिन मोहाली-चंडीगढ़ बैरियर पर बड़ा प्रदर्शन रखा गया लेकिन पार्टी के विधायक, विभिन्न बोर्ड कार्पोरेशन के चेयरमैन आदि 1500 लोगों को भी जुटा नहीं पाए। साफ था कि लीडरशिप हताश है।

ऐसे में पार्टी के सांसद सुशील रिंकू जिन्हें जितवाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने जालंधर में डेरा जमाए रखा । वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने सारे चुनाव की कमान संभाली, वह रिंकू पार्टी को छोड़ दे तो इससे पार्टी काडर में निराशा तो पनपेगी ही। मुख्यमंत्री इस हताशा और निराशा को कैसे दूर करते हैं यह तो 31 मार्च के बाद ही पता चलेगा।

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