Stubble Burning: पंजाब में 194 लाख टन पराली, 40 फीसदी का ही हुआ निस्तारण; बाकी घोल रही हवा में जहर
Stubble Burning पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के कई उपाय किए जाने के बाद निजात नहीं मिल पा रही है। पराली का निस्तारण करने के लिए सरकार ने ईंट भट्ठों में पराली के पेलेट्स बनाकर 20 प्रतिशत अपनी ईंधन की जरूरत को इससे पूरा करने के लिए कहा हुआ है। कई उपायों से भी मात्र 77.79 लाख टन पराली का ही निस्तारण हो पाना संभव है।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Wed, 08 Nov 2023 06:30 AM (IST)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के कई उपाय किए जाने के बाद निजात नहीं मिल पा रही है। इसके कई कारण हैं। मसलन, पंजाब में 31.57 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई है। इससे इस बार 194.45 लाख टन पराली पैदा होने के आसार हैं।
पराली का निस्तारण करने के लिए सरकार ने ईंट भट्ठों में पराली के पेलेट्स बनाकर 20 प्रतिशत अपनी ईंधन की जरूरत को इससे पूरा करने के लिए कहा हुआ है। इसके अलावा पराली से कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीसी) तैयार करना, इंडस्ट्री में ईंधन के रूप में उपयोग करने से जैसे तमाम उपाय किए गए हैं, लेकिन इन सभी उपायों से भी मात्र 77.79 लाख टन पराली का ही निस्तारण हो पाना संभव है।
संगरूर में सबसे ज्यादा मामले
सोमवार को पराली जलाने के मामलों में कमी आई और कुल 2,060 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 509 मामले केवल संगरूर से हैं। अब संगरूर में पराली के जलाने के कुल 3,207 मामले हो गए हैं, जोकि राज्य में सबसे अधिक हैं। इसके अलावा 1,976 मामलों के साथ फिरोजपुर दूसरे, 1,809 मामलों के साथ तरनतारन तीसरे, 1,451 मामलों के साथ मानसा चौथे और 1,439 मामलों के साथ अमृतसर पांचवें स्थान पर है। राज्य में इस बार छह नंवबर तक पराली जलाने के 17,403 मामले सामने आ चुके हैं।यह भी पढ़ें- Punjab News: पराली जलाने के टूटे सारे रिकॉर्ड, आठ दिन में बढ़े 25 गुना मामले; खराब कैटेगरी में सभी शहरों का AQI
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