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Punjab News: पंजाब के किसान अब इस तकनीक का इस्तेमाल कर पराली से कमा रहे पैसे,पढ़िए पूरी खबर

पंजाब के कई किसान अब पराली से पैसा कमा रहे हैं। किसानों को अक्सर धान की पुआल में आग लगाने की प्रथा के कारण प्रदूषण फैलाने के लिए दोषी ठहराया जाता है। लेकिन उनमें से कई ने इसे बायोमास संयंत्रों और बॉयलरों को लाखों में बेचना शुरू कर दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sun, 29 Oct 2023 03:02 PM (IST)
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पंजाब के किसान अब इस तकनीक का इस्तेमाल कर पराली से कमा रहे पैसे। फाइल फोटो
पीटीआई, चंडीगढ़। पंजाब के कई किसान अब पराली से पैसे कमा रहे हैं। फसल काटने के बाद बचा हुआ वह हिस्सा है। जब धान की फसल पूरी तरह से पक जाती है, तो केवल ऊपरी हिस्से की कटाई की जाती है और निचले हिस्से को वैसे ही छोड़ दिया जाता है।

फसल के इस बचे हुए हिस्से की किसानों के लिए कोई उपयोगिता नहीं है। इसीलिए किसान अगले बुआई सीजन के लिए खेत साफ करने के लिए अक्टूबर -नवंबर के आसपास जब सर्दियों की शुरुआत होती है।

इस सूखी पराली को जला देते हैं। पंजाब में किसानों को अक्सर धान की पुआल में आग लगाने की प्रथा के कारण प्रदूषण फैलाने के लिए दोषी ठहराया जाता है।

बायोमास संयंत्रों और बॉयलरों को लाखों में बेचना शुरू

लेकिन उनमें से कई ने इसे बायोमास संयंत्रों और बॉयलरों को लाखों में बेचना शुरू कर दिया है। गुरदासपुर स्थित किसान पलविंदर सिंह ऐसे ही एक किसान हैं।

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मालूबेलर मशीन से पराली को बदला जाता है गांठों में

जिन्होंने पराली को गांठों में बदलने और व्यवसायों को बेचने के लिए पिछले साल एक बेलर खरीदा था। मालूबेलर, एक कृषि मशीन है, जो ट्रैक्टर से जुड़ी होती है और खेत से पराली इकट्ठा करके उसे गांठों में बदल देती है।

इस साल 3,000 टन पराली आपूर्ति की उम्मीद

सहरी गांव के निवासी पलविंदर सिंह ने कहा, "पिछले साल हमने 1,400 टन पराली की आपूर्ति की थी और इस साल हम 3,000 टन पराली की आपूर्ति की उम्मीद कर रहे हैं।"

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