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क्या SAD में होगी ढींढसा की वापसी? सुखबीर की माफी के बाद शिअद को 'अच्छे दिनों' की आस; सुखदेव सिंह ने दिए ये संकेत

Sukhbir Badal Apologises शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गुको पहली बार श्री अकाल तख्त साहिब पर शिअद-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी। ऐसा करके सुखबीर ने पार्टी छोड़कर गए टकसाली नेताओं की वापसी की जमीन तैयार की है। इससे पार्टी के लिए अच्छे दिनों की आस जगी है।

By Inderpreet Singh Edited By: Preeti GuptaUpdated: Sat, 16 Dec 2023 09:54 AM (IST)
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सुखबीर की माफी के बाद शिअद को 'अच्छे दिनों' की आस

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। Sukhbir Badal Apologises: शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गुको पहली बार श्री अकाल तख्त साहिब पर शिअद-भाजपा गठबंधन (SAD-BJP) सरकार के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं पर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी।

सुखदेव सिंह ढींडसा ने की थी तारीफ

ऐसा करके सुखबीर (Sukhbir Badal) ने पार्टी छोड़कर गए टकसाली नेताओं की वापसी की जमीन तैयार की है। इससे पार्टी के लिए ''अच्छे दिनों'' की आस जगी है। उन्होंने टकसाली नेताओं को वापसी का न्योता दिया तो इस पर सबसे पहली प्रतिक्रिया अपनी अलग पार्टी शिअद (संयुक्त) बना चुके सुखदेव सिंह ढींडसा की आई। ढींडसा ने माफी को अच्छी पहल बताते हुए गठबंधन की संभावनाएं जताई।

ढींडसा कर सकते हैं वापसी? 

ढींडसा ने कहा कि वह जल्द ही सुखबीर की माफी के बारे में अपनी पार्टी की बैठक बुलाकर विचार करेंगे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह अपनी पार्टी को अकाली दल में मर्ज करके शिअद में लौट रहे हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि यह फैसला तो पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने करना है।

दोनों दलों के बीच वापसी के आसार

सुखबीर की माफ के बाद जिस तरह से ढींडस की प्रतिक्रिया आई और आज लुधियाना में पूर्व विधायक रणजीत सिंह तलवंडी के भोग के अवसर पर ढींडसा और बादल दल के नेताओं के बीच बंद कमरा बैठक हुई उससे इन अटकलों ने और जोर पकड़ लिया कि जल्द ही दोनों दलों के बीच वापसी होगी।

पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह से बात करना चाहते हैं ढींडसा 

आज की बैठक को लेकर कोई भी नेता बोलने को तैयार नहीं है। खासतौर पर ढींडसा ने कहा कि जो भी कुछ होगा, पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद ही होगा, अभी इंतजार कीजिए। विलय जैसी अभी कोई बात नहीं है। पता चला है कि ढींडसा इस मामले में पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा से भी बात करना चाहते हैं जो इन दिनों लंदन गए हुए हैं और आज उन्हें स्वदेश लौटना है।

बैठक में हरजिंदर सिंह धामी थे मौजूद

भोग के अवसर पर हुई बैठक में एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी और अकाली दल के नेता प्रो प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी हाजिर थे। चंदूमाजरा से संपर्क करने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने सुखबीर पर दी तीखी प्रतिक्रिया

ढींडसा की पार्टी अभी भाजपा के साथ गठबंधन में है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने सुखबीर के माफी मांगने पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक इस पर चुप्पी साधी हुई है। संभव है कि पार्टी को शिअद से दोबारा गठबंधन करना पड़े, इसीलिए भाजपा एक खिड़की ऐसी खुली रखना चाहती है जहां से निकलकर शिअद के साथ फिर से गलबहियां डाली जा सकें।

विधानसभा चुनाव के बाद से ही लीडर सुखबीर बादल पर उठने लगे थे सवाल 

2017 और 2022 के दो विधानसभा चुनाव हारने के बाद से ही शिअद प्रधान सुखबीर बादल की लीडरशिप पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। खासतौर पर जब 2017 के चुनाव में हार मिली तो दिग्गज नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने ही सबसे पहले पार्टी छोड़ी, उनके साथ कई पूर्व विधायक, जिनमें परमिंदर सिंह ढींडसा, जस्टिस निर्मल सिंह, पूर्व सांसद परमजीत कौर गुलशन आदि चले गए।

वापसी करना चाहते हैं कई लोग

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर, पूर्व विधायक संत बलबीर सिंह घुन्नस ने भी हाल ही में एसजीपीसी प्रधान पद के चुनाव में लगातार दो साल ढींडसा ग्रुप की ही मदद ली। ऐसा नहीं है कि अब ये सभी लोग वापस आना चाहते हैं।

सुखबीर की माफी पर क्या बोले अमरिंदर सिंह

एसजीपीसी के पूर्व सदस्य अमरिंदर सिंह जो इस समय ढींडसा के साथ हैं ने कहा कि पार्टी में वापस आने का फैसला तो बैठक में लीडरशिप लेगी, लेकिन हम अभी भी इस तरह की माफी से सहमत नहीं हैं। पंथ में माफी मांगने की एक मर्यादा है। माफ करने वाला तो पंथ है। उन्होंने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के अलावा भी कई मुद्दे हैं, जिनके बारे में सुखबीर बादल ने अभी तक कुछ नहीं कहा है जिस तरह से तख्तों को कमजोर किया गया है। उन सभी पर भी बात होनी चाहिए।

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ढींडसा दल के नेता भी शिअद में करना चाहते वापसी

टकसाली नेताओं में सुखबीर की माफी को लेकर सहमति या असहमति हो सकती है, लेकिन इतना तय है कि उनके माफी मांगने के बाद से ही पंथक एकता की सुगबुगाहट फिर से शुरू हो गई है। ढींडसा दल के नेता भी शिअद में वापिस आना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि शिअद से निकलकर उन्हें वह सफलता नहीं मिली जिसकी उन्हें उम्मीद थी। जत्थेदार रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा जो उनके साथ, के निधन से पूर्व ही वह वापिस शिअद में चले गए थे। तब से ढींडसा अकेले ही पार्टी को चला रहे हैं।

अकाली दल ने ढींडसा की प्रतिक्रिया से खुश

सुखदेव ढींढसा की प्रतिक्रिया मिलने के बाद शिअद खुश है। पार्टी प्रवक्ता अर्शदीप सिंह कलेर ने ढींडसा की प्रतिक्रिया पर खुशी जाहिर की। कलेर ने कहा कि उनका पार्टी में बहुत सम्मान है। राजनीतिक स्तर पर चाहे बीते कुछ समय से दूरियां थी, लेकिन पारिवारिक स्तर पर बादल परिवार व ढींडसा परिवार ने हमेशा एक-दूसरे को सम्मान दिया है। 

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