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Sukhpal Khaira Case: चुनाव में ड्रग्स तस्करी के पैसे से फंडिंग, 2015 की रिपोर्ट को एसआईटी ने माना आधार

नशा तस्करी मामले कांग्रेसी नेता सुखपाल खैहरा की मुश्किलें बढ़ सकती है। मामले में बनी मौजूदा स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने 2015 में डीआईजी फिरोजपुर अमर सिंह चहल के नेतृत्व में बनी एसआईटी रिपोर्ट को अपना आधार मान कर जांच शुरू की है। जांच में सामने आया है कि नशा तस्करी का पैसा सुखपाल खैहरा ने चुनाव में प्रयोग हुआ है।

By Inderpreet Singh Edited By: Praveen Prasad SinghUpdated: Tue, 10 Oct 2023 11:44 PM (IST)
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चुनाव में ड्रग्स तस्करी के पैसे से फंडिंग, 2015 की रिपोर्ट को एसआईटी ने माना आधार
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। नशा तस्करी मामले कांग्रेसी नेता सुखपाल खैरा (Sukhpal Khaira) की मुश्किलें बढ़ सकती है। मामले में बनी मौजूदा स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने 2015 में डीआईजी फिरोजपुर अमर सिंह चहल के नेतृत्व में बनी एसआईटी रिपोर्ट को अपना आधार मान कर जांच शुरू की है। जांच में सामने आया है कि नशा तस्करी का पैसा सुखपाल खैरा ने चुनाव में प्रयोग हुआ है। मामले में आरोपित गुरदेव सिंह ने कबूल किया है की वो खैहरा के साथ संपर्क में था।

पूरा मामला इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल का है

गुरदेव सिंह ने माना की उसने सुखपाल खैहरा के लिए चुनाव में फंडिंग भी की थी। जिस के बदले में खैरा ने कहा की अगर तुम ड्रग्स तस्करी में पकड़े जाते हो तो वो उसे बचाएंगे। पूरा मामला इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल का है जिस के तार पाकिस्तान से जुडे़ है। जिसका मुख्य अभियुक्त मेजर सिंह बाजवा था। जो ईस्ट लंदन का रहने वाला था।

खैरा इस ड्रग्स तस्करी के माड्यूल के साथ संपर्क में था

रिपोर्ट के मुताबिक सुखपाल सिंह खैरा इस ड्रग्स तस्करी के माड्यूल के साथ संपर्क में थे। जिसमे चरणजीत कौर के साथ उन्होंने सीधे बात की। खैहरा ने अपने ड्राइवर मंजीत और अपने पीए मनीष के फोन से चरणजीत कौर से बात करता था। रिपोर्ट के मुताबिक 4 मार्च 2015 को चरणजीत कौर, गुरदेव सिंह, सुखपाल खैहरा आपस में एक दूसरे के संपर्क में थे। पीएसओ जोगा सिंह के जरिए गुरदेव सिंह, सुखपाल सिंह खैहरा से संपर्क करता था। रिपोर्ट के मुताबिक सुखपाल खैहरा ने गुरदेव सिंह, एक्स चेयरमैन को बचाने की कोशिश की। चरणजीत कौर जो गुरदेव सिंह की बहन है वो लगातार सुखपाल खैहरा और गुरदेव सिंह के संपर्क में थी।

कौन है चरणजीत कौर

मेजर सिंह बाजवा का पाकिस्तान में रहने वाले इम्तिवाज काला के साथ सीधा संबंध था। इम्तियाज काला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का ड्रग हैंडलर था, जो भारत में ड्रग्स सप्लाई करता था। दूसरी तरफ मेजर सिंह बाजवा, गुरदेव सिंह के साथ सीधे संपर्क में था। गुरदेव सिंह की बहन चरणजीत कौर, जो की ईस्ट लंदन में रहती थी के संपर्क में थी। जांच में साबित हुआ की गुरदेव सिंह और मेजर बाजवा के बीच की अहम कड़ी चरणजीत कौर थी।

पुलिस ने अपनी कार्रवाई में इस रैकेट से बड़ी रिकवरी की। एक किलो 800 ग्राम हेरोइन, 24 गोल्ड बिस्कुट 333 ग्राम की, एक कंट्री मेड पिस्टल दो कारतूस के साथ, एक रिवाल्वर 25 कारतूस के साथ, 2 पाकिस्तानी सीम, एक मोबाइल फोन, एक टाटा सफारी एक्सयूवी जो गुरदेव सिंह चेयरमैन के नाम थी। इनका पाकिस्तान में बैठे इम्तियाज काला के साथ संपर्क था जो लाहौर का रहने वाला था।

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इतनी बार किए गए फोन काल्स

चरणजीत कौर ने गुरदेव सिंह के साथ 20 काल, सुखपाल सिंह खैरा के साथ 16 काल किए। चरणजीत कौर ने एक कान्फ्रेंस कसल खैरा के पीए मनीष के साथ की। चरणजीत कौर ने जोगा सिंह जो की खैरा का पीएसओ था उसके साथ 8 काल की। मेजर बाजवा ने गुरदेव सिंह के साथ 14 बार फोन पर बात की। जब गुरदेव सिंह 27 फरवरी 2015 से 8 मार्च 2015 के बीच फरार था।

उस बीच 5 बार सुखपाल सिंह खैरा से बातचीत की। जब गुरुदेव सिंह फरार था तब चरणजीत कौर ने सुखपाल खैरा के साथ 15 बातचीत की, जिसमे 4 बार खैरा के नंबर से, 10 बार जोगा सिंह के नंबर से और एक बार पीए मनीष के नंबर से बात की। गुरदेव सिंह एक्स चेयरमैन और खैरा के बीच नजदीकी संबंध थे जिसका अनुमान उनके बीच 92 काल से लगी।

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