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ड्रग माफिया से मोर्चा लेने वाली महिला अफसर की हत्‍या का सस्‍पेंस गहराया, जानें क्‍या है मामला

पंजाब के खरड़ में दफ्तर में घुसकर महिला ड्रग इंस्‍पेक्‍टर की हत्‍या का सस्‍पेंस गहरा गया है। मामले में शक की सूई ड्रग माफिया की ओर जा रही है। इस मामले की जांच एसआइटी करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 10:22 AM (IST)
ड्रग माफिया से मोर्चा लेने वाली महिला अफसर की हत्‍या का सस्‍पेंस गहराया, जानें क्‍या है मामला
मोहाली, जेएनएन। खरड़ स्थित ड्रग्स फूड एंड केमिकल टेस्टिंग लेबोटरी में दिनदहाड़े घुसकर महिला ड्रग इंस्पेक्टर नेहा शौरी की गोली मारकर हत्‍या के मामले में सस्‍पेंस गहराता जा रहा है। हत्‍यारे बलविंदर सिंह ने माैके पर ही खुदकुशी कर ली, लेकिन घटना के लिए बताया जा रहा है कारण गले नहीं उतर रहा। हत्‍या का कारण उसका नेहा के प्रति 10 साल पुराना 'गुस्‍सा' बताया जा रहा है। हत्‍या में ड्रग माफिया का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। राज्‍य के वरिष्‍ठ मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा के सामने भी परिवार के लोगों ने भी यह शक जताया। ऐसे में अब पूरे मामले की तह तक जाने के लिए विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित की गई है।

एसआइटी करेगी मामले की जांच, एक व्‍यक्ति ने दफ्तर में घुसकर गोलियों से भून डाला था

बता दें कि मोहाली के पास खरड़ स्थित ड्रग फूड एंड केमिकल टेस्टिंग लेबोरेटरी में दिनदहाड़े हुई इस हत्‍या से हड़कंप मच गया था। मोरिंडा के बलविंदर सिंह ने पिछले शुक्रवार को जोनल लाइसेंस अथॉरिटी की अधिकारी ड्रग इंस्‍पेक्‍टर नेहा शौरी (35) की उनके दफ्तर में घुसकर गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद बलविंदर ने खुद को भी गोली मार कर आत्‍महत्‍या कर ली थी। वह ऑफिस में घुसा और फायरिंग करनी शुरू कर दी। उसने महिला ड्रग इंस्पेक्टर नेहा पर एक के बाद एक फायर किए। इसके बाद वह भागने लगा। लोगों ने उसे दबोचा तो उसने खुद को भी गोली मार ली।

मामले के गरमाने के बाद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। मोहाली के एसएसपी हरचरन सिंह भुल्लर ने बताया कि मामले की तह तक जाने के लिए चार सदस्‍यीय एसआइटी का गठन कर दिया गया है। एसआइटी में एसपी (सिटी) हरविंदर सिंह विर्क, डीएसपी (डी) गुरदेव सिंह धालीवाल, खरड़ के डीएसपी दीप कमल व एसएचओ भगवंत सिंह रियाड़ को शामिल किया गया है।     

हत्या करने के बाद खुदकुशी करने वाला बलविंदर सिंह। दाएं- घटना के बाद नेहा के पति (लाल घेरे में) विलाप करते हुए।


एसआइटी पता लगाएगी 10 साल पुराने गुस्से का राज

पुलिस सूत्रों के अनुसार, एसआइटी मामले के सभी पहलुओं की जांच के संग-संग यह भी पता लगाएगी कि  आखिरकार बलविंदर सिंह ने लाइसेंस कैंसिल होने के बाद 10 साल बदला लेने के लिए क्यों इंतजार किया। कहीं इसमें नेहा के निशाने पर रहे ड्रग माफिया का तो हाथ नहीं है। नेहा के परिवार के सदस्‍यों व करीबियों के अनुसार, नेहा लंबे समय से ड्रग माफिया के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थी। उनकी कार्रवाइयों से ड्रग माफिया और उससे जुड़े लोगों को परेशानी हो रही थी। ऐसे में पुलिस इस बिंदु पर गंभीरता से ध्‍यान दे रही है कि नेहा को रास्‍ते से हटाने के लिए कहीं ड्रग माफिया ने बलविंदर को मोहरा तो नहीं बनाया।

सोशल मीडिया पर इंसाफ की आवाज,दिख रहा लोगों का गुस्‍सा

नेहा शौरी की हत्‍या का मामला सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। नेहा और उनके परिवार को इंसाफ के लिए कई संगठनों सहित आम जनता भी आवाज उठा रही है। लोग घटना के लिए पुलिस व रोपड़ प्रशासन की लापरवाही को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी लेबोरेटरी होने के बावजूद इसके गेट पर कोई मोशन सेंसर तक नहीं लगा था और गेट पर एक ही सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती कई सवाल खड़े करती है।

बायोकॉन की चेयरपर्सन किरन मजूमदार शॉ ने लिखा, बेहद हैरान करने वाली घटना। आखिर कहां है कानून- व्यवस्था, नेहा को श्रद्धांजलि, जिन्होंने कानून का पालन करवाने में अपनी जान दे दी। पूर्व स्पेशल फोर्सेज अधिकारी और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए मेजर रिटायर्ड सुरेंद्र पूनिया ने लिखा कि सरकारी अधिकारी नेहा की एक अनाधिकृत दवाइयां रखने वाली दुकान का लाइसेंस कैंसल करने पर हत्या कर दी गई। बहादुर अफसर नेहा ने हजारों जिंदगियां बचाने के लिए अपनी जान दे दी। नेहा, आप देश के युवाओं के लिए एक हीरो हो।

नेहा शौरी की मौत सीने में दो गाेलियां लगने से हुई थी

ड्रग्स इंस्पेक्टर नेहा शौरी की मौत छाती में दो गोलियां लगने से हुई थी। नेहा और हत्‍या के बाद खुदकुशी करने वाले बलविंदर सिंह के शवों का शनिवार दोपहर खरड़ सिविल अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इस दौरान नेहा के पति वरुण मोंगा और पारिवारिक सदस्य मौके पर मौजूद थे। शाम 4 बजे मनीमाजरा के श्मशान घाट में नेहा का अंतिम संस्कार किया गया। खरड़ सिटी थाना के एसएचओ भगवंत सिंह रियाड ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बुधवार को आएगी। वहीं, डॉक्टरों ने नेहा के सीने में दो गोलियां लगने की पुष्टि की है।

घरवालों ने कहा, ड्रग्स माफिया के खिलाफ लड़ रहीं थी नेहा

नेहा के परिजनों व करीबियों का कहना है कि वह ड्रग्स माफिया के खिलाफ लड़ाई लड़ रही थीं। बलविंदर सिंह तो मोहरा था, हत्या का मास्‍टरमाइंड कोई और है। सूत्रों का यह भी कहना है कि नेहा की ड्रग्स माफिया के खिलाफ चल रही जंग के दौरान उसे कई लोग परेशान कर रहे थे।

नेहा का घर चंडीगढ़ से सटे पंचकूला के सेक्‍टर छह में है। नेहा के पति वरुण मोंगा का कहना है कि हत्यारे बलविंदर ने सुसाइड कर लिया हो, लेकिन इस पूरे प्रकरण में ड्रग माफिया का हाथ लगता है। उन्होंने पुलिस पर भी सवाल खड़े किए कि जब चुनाव आचार संहिता लग चुकी थी, तो बलविंदर का रिवॉल्वर का लाइसेंस कैसे बनाया गया।

10 साल बाद रंजिश निकालना समझ से परे
नेहा शौरी 2016 से जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी में तैनात थीं। शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपित वलविंदर मोरिंडा में दवा की दुकान चलाता था और 2009 में नेहा ने उसकी दुकान पर छापा मारा था। नेहा ने वहां से कथित रूप से नशीली दवाएं बरामद की थीं। इसके बाद नेहा ने उसका लाइसेंस रद कर दिया था। कहा जा रहा है कि अपना कारोबार बंद होने के लिए बलविंदर नेहा को जिम्‍मेदार मानता था और इसी गुस्‍से में उसने यह वारदात की।

नेहा के परिवार का कहना है कि यदि बलविंदर को गुस्सा था, तो वह कुछ दिन बाद ही हमला कर सकता था। एक दो साल बाद नहीं, बल्कि10 साल बाद हत्या करने जैसा कदम उठाना समझ से परे है। इस मामले में ड्रग्स माफिया का हाथ लगता है। पुलिस को बलविंदर की कॉल डिटेल निकलवाए। उसकी किसके बातचीत होती थी, यह सब जांच का विषय है।

घरवालों को नहीं पता था बलविंदर के पास पिस्टल होने की बात

बलविंदर के चाचा पूर्ण सिंह ने कहा कि परिवार में किसी को नहीं पता था कि बलविंदर के पास लाइसेंसी पिस्टल है। पुलिस को मामले की सही तरह से जांच करनी चाहिए। वहीं, खरड़ सिटी के एसएचओ भगवंत सिंह रियाड से जब पूछा गया कि क्या ड्रग इंस्पेक्टर नेहा को बलविंदर के खिलाफ चल रहे किसी कोर्ट केस में गवाही देनी थी, तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है।

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