Punjab News: 'सड़क हादसों में मौत का आंकड़ा 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य', विशेष रूप से किया गया है सड़क सुरक्षा फोर्स का गठन
‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ और ‘फरिश्ते योजना’ एक और एक ग्यारह की कहावत को सार्थक कर रहे हैं। सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को आम जन नजदीक के अस्पताल तक पहुंचा कर घायल की जान बचा सके। इसके लिए पंजाब सरकार ने ‘फरिश्ते’ योजना शुरू की है। सड़क सुरक्षा फोर्स के अस्तित्व में आने के बाद से पंजाब में सड़क हादसों में 25 फीसदी की कमी आई है।
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार सड़क हादसों की वजह से होने वाली मौतों के आंकड़ो में 50 फीसदी की कमी लाने की दिशा में बढ़ रही है। यह लक्ष्य 2025 तक प्राप्त करना है। इसके लिए जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विशेष रूप से सड़क सुरक्षा फोर्स का गठन किया है। जोकि पूरे देश में एक अनोखी फोर्स है तो वहीं, ‘फरिश्ते योजना’ को भी शुरू किया है।
‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ और ‘फरिश्ते योजना’ एक और एक ग्यारह की कहावत को सार्थक कर रहे हैं। सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को आम जन नजदीक के अस्पताल तक पहुंचा कर घायल की जान बचा सके। इसके लिए पंजाब सरकार ने ‘फरिश्ते’ योजना शुरू की है। सड़क सुरक्षा फोर्स के अस्तित्व में आने के बाद से पंजाब में सड़क हादसों में 25 फीसदी की कमी आई है।
फरिश्ते योजना के तहत 500 से अधिक सरकारी और निजी अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। जहां सड़क हादसों के पीड़ितों का पूरा इलाज मुफ्त किया जाता है। फरिश्ते योजना के तहत घायल को अस्पताल पहुंचाने वालों को न सिर्फ सम्मान करती है। बल्कि उन्हें पुरस्कृत भी किया जाता है। साथ ही उन्हें कानूनी पचड़ों से भी दूर रखा जाता है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं सरकार राज्य में सड़क हादसों में मौत दर कम करने और जीवन बचाने के लिए प्राथमिक कीमती समय (गोल्डन ऑवर) के दौरान इलाज मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। इसके लिए शुरू की गई ‘फरिश्ते योजना’, ‘सड़क सुरक्षा फोर्स’ का गठन और स्वास्थ्य विभाग को नई एम्बुलेंस उपलब्ध कराना इस दिशा में उठाए गए अहम कदम हैं। ताकि 2025 तक पंजाब सरकार सड़क हादसों में होने वाली मौत की दर को 50 फीसदी तक कम कर सके। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं ‘सड़क सुरक्षा फोर्स के गठन के बाद राज्य में पिछले वर्ष की तुलना में मौत दर 45 फीसदी कम हुई है।
अब हमारा लक्ष्य गोल्डन आवर से प्लेटिनम टाइम’ की तरफ बढ़ने का है। यानी वह साइंटिफिक रूप से उस सटीक समय का अंदाजा लगाया जा सके कि किस समय पर हादसों की संख्या ज्यादा है। यही नहीं अब सड़क सुरक्षा फोर्स दुर्घटना के कारणों का भी बारीकी से जांच कर रही है। जिसमें देखा जाता हैं कि क्या दुर्घटना किसी आवारा पशु की वजह से हुआ या सड़क पर कोई टेक्निकल फाल्ट यानी कोई गड्ढा या अंधा मोड़।
जिस जगह पर घटना हुई क्या वहां पर बार-बार दुर्घटना हो रही है। अगर ऐसा हैं तो इसके पीछे कारण क्या है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान कहते हैं ‘सड़क हादसों की वजह से होने वाली मौत की दर 50 फीसदी कम करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए जरूरी है कि हादसों की साइंटिफिक जांच कर, उन कमियों को दूर किया जाए।’