Punjab: तीन केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने किसानों से की मुलाकात, CM मान भी बैठक में रहे मौजूद; MSP सहित कई मांगों पर हुई चर्चा
Punjab Farmers दिल्ली कूच से पहले किसानों से तीन केंद्रीय मंत्रियों की टीम ने मुलाकात की। इस बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल रहे। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को 200 से अधिक किसान संघों द्वारा दिल्ली चलो मार्च की घोषणा की थी।
पीटीआई, चंडीगढ़। केंद्रीय मंत्रियों की तीन सदस्यीय टीम ने किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात की। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित अपनी मांगों पर जोर देने के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च की योजना बना रहे हैं।
भगवंत मान भी बैठक में हुए शामिल
किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने बैठक शुरू होने से पहले कहा कि टीम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा शामिल हैं। पंढेर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय टीम के साथ बैठक की व्यवस्था के लिए उपस्थित हुए। संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने अपनी मांगे पूरी करवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को 200 से अधिक किसान संघों द्वारा 'दिल्ली चलो' मार्च की घोषणा की थी।
#WATCH | Chandigarh: Punjab CM Bhagwant Mann arrives at Mahatma Gandhi State Institute of Public Administration to attend the meeting with farmer leaders in Chandigarh Sector 26 pic.twitter.com/Bey0Q0esJp
— ANI (@ANI) February 8, 2024
मांगों में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल
एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पहले कहा था कि तीन केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ में उनके साथ बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री मान भी बैठक का हिस्सा होंगे। डल्लेवाल ने कहा कि हम यहां आए हैं। हम बैठक से नहीं भागते। उनकी मुख्य मांगों में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल है जिसका केंद्र ने पहले वादा किया था।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: पंजाब में तैयारी तेज, चुनाव में AAP उतार सकती है पार्टी के बड़े चहेरे; असमंजस में मंत्री
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस मामलों को वापस लेने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की भी मांग कर रहे हैं।
2020 में निकाला था मोर्चा
बता दें 2020 में पंजाब और अंबाला के आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शंभू सीमा पर एकत्र हुए और दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए पुलिस अवरोधकों को तोड़ दिया था। मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सीमा बिंदुओं - सिंघू, टिकरी और गाजीपुर पर एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया था।
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