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हड़तालियों को लेकर सरकार ने निकाला बीच का रास्ता, रिटायर्ड पटवारियों को दो सर्किलों की दी जिम्मेदारी

टवारियों और कानूनगो की शुक्रवार से अतिरिक्त सर्कल में काम बंद करने के बाद सरकार ने इन पर अनिवार्य सेवाएं मेंटेन कानून एस्मा (ESMA) लगाने के बजाय बीच का रास्ता निकाल लिया है। सरकार 541 रिटायर्ड पटवारियों को दो सर्किलों की अतिरिक्त सर्कल की जिम्मेदारी दे दी है। इसके अलावा 710 नए भर्ती पटवारियों की प्रशिक्षण अवधि 18 महीने से कम कर 15 महीने करने की तैयारी है।

By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Sat, 02 Sep 2023 03:46 PM (IST)
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सरकार ने रिटायर्ड पटवारियों को दो सर्किलों की दी जिम्मेदारी, फाइल फोटो
चंडीगढ़, इन्द्रप्रीत सिंह। पटवारियों और कानूनगो (Patwari and Kanungo's Strike) की शुक्रवार से अतिरिक्त सर्कल में काम बंद करने के बाद सरकार ने इन पर अनिवार्य सेवाएं मेंटेन कानून एस्मा (ESMA) लगाने के बजाय बीच का रास्ता निकाल लिया है। सरकार 541 रिटायर्ड पटवारियों को दो सर्किलों की अतिरिक्त सर्कल की जिम्मेदारी दे दी है। इसके अलावा 710 नए भर्ती पटवारियों की प्रशिक्षण अवधि 18 महीने से कम कर 15 महीने करने की तैयारी है।

700 नए पटवारियों को भी अगले हफ्ते नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। उन्हें भी पहले फील्ड में उतारकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार का दावा है कि अगले सप्ताह से स्थिति नियंत्रण में आने लगेगी। इसके अलावा 586 पटवारियों की नई भर्ती को भी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंजूरी दे दी है।

1623 पटवारी रेगुलर कर रहे हैं काम

काबिलेगौर है कि पटवारियों की हड़ताल को लेकर सरकार ने धमकी दी कि अगर किसी ने भी ऐसा किया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पटवारियों ने पलटवार करते हुए कहा कि वे केवल अपने उन सर्कलों में ही काम करेंगे, जहां पर उनकी ड्यूटी है। जिन सर्कल का उनके पास अतिरिक्त प्रभार है वहां वह काम नहीं करेंगे। राज्य में कुल 3660 पटवार सर्कल हैं, जिनमें 1623 पटवारी रेगुलर तौर पर काम कर रहे हैं।

यानी 2037 सर्कल खाली हैं। अगर इनमें पटवारी काम नहीं करते तो कामकाज काफी प्रभावित हो सकता है। चूंकि पटवारी काम पर लौट आए हैं इसलिए सरकार के लिए एस्मा लगाना मुश्किल है। इसका बीच का रास्ता निकालने के लिए ही सरकार ने रिटायर्ड पटवारियों की सेवा लेने की तैयारी की है।

सरकार पटवारियों की हड़ताल के सामने नहीं झुकना चाहती 

साफ है कि पटवारियों की हड़ताल के सामने सरकार झुकना नहीं चाहती है। मुख्यमंत्री भगवंत मान का मानना है कि जब से उन्होंने सत्ता संभाली तभी से ये अपनी छोटी-छोटी मांगों को लेकर हड़ताल करने की धमकी देते रहते हैं, जिससे आम लोगों को अपने कामकाज करवाने में दिक्कतें आती है। ये जानते हुए भी कि पंजाब में अधिकांश क्षेत्र बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैँ, उनकी गिरदावारियों का काम पूरा नहीं हुआ है। उन्हें मुआवजा बांटा जाना है, लेकिन ये लोग हड़ताल करने की धमकियां दे रहे हैं।

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