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यौन शोषण का आरोपित शिक्षक 2006 में लगा था गेस्ट टीचर, दुष्यंत चौटाला बोले- विधानसभा में रखे अपने तथ्यों पर हैं कायम

जींद के उचाना में छात्राओं के यौन शोषण के आरोपित प्रिंसिपल को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वे विधानसभा में रखे अपने तथ्यों पर कायम हैं। कांग्रेस नेता लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि साल 2005 में आरोपित अध्यापक उचाना के गीता स्कूल में पढ़ाता था।

By Sudhir Tanwar Edited By: Nidhi Vinodiya Updated: Sat, 23 Dec 2023 12:47 AM (IST)
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यौन शोषण का आरोपित शिक्षक 2006 में लगा था गेस्ट टीचर, FILE PHOTO
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जींद के उचाना में छात्राओं के यौन शोषण के आरोपित प्रिंसिपल को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि वे विधानसभा में रखे अपने तथ्यों पर कायम हैं। कांग्रेस नेता लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि साल 2005 में आरोपित अध्यापक उचाना के गीता स्कूल में पढ़ाता था। वहां उसने ट्यूशन पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। परिजनों की शिकायत के बाद अध्यापक को निजी स्कूल से बर्खास्त किया गया। इसके बाद साल 2006 में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार के दौरान आरोपित शिक्षक को जेबीटी गेस्ट टीचर भर्ती किया गया, जबकि हुड्डा उसकी भर्ती 2008 में होने की बात कह रहे हैं।

आरोपी अध्यापक 2008 में हेडमास्टर भर्ती हुआ

उन्होंने कहा कि दो साल जेबीटी गेस्ट टीचर रहने के उपरांत आरोपी अध्यापक 2008 में हेडमास्टर भर्ती हुआ। साल 2010 में भी उचाना में जिला स्तरीय एक जांच कमेटी ने मामले में लीपापोती करके आरोपित अध्यापक को बचाने का काम किया गया, बल्कि उल्टे एक मिड-डे मील वर्कर का इस्तीफा करवाया गया।

दुष्यंत ने बताया कि साल 2012 में आरोपित शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ का दोबारा मामला सामने आया और इसके खिलाफ गांव की सरपंच ने शिक्षा अधिकारी से लेकर शिक्षा मंत्री तक लिखित में शिकायत दी। जब जांच के लिए अधिकारी आए तो उचाना के एक स्कूल में सबके सामने हथियार दिखाकर उन्हें डराया धमकाया भी गया। इस दौरान आरोपित का तबादला भी किया गया, लेकिन मात्र 19 दिनों के बाद ही पास के गांव में उसे दोबारा पोस्ट कर दिया गया।

मामले की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनी है

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विधानसभा में दिए अपने बयान “डीडीआर दो साल में नष्ट हो जाती है” पर स्पष्टीकरण देना चाहिए क्योंकि उस समय साल 2012 से 2014 तक गृह विभाग का जिम्मा उनके पास ही था। उन्होंने कहा कि फिलहाल मामले की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनी है और सारे तथ्य देकर हम इस पूरे मामले की अच्छे से जांच करवाएंगे। मामले में शामिल रहे सभी गवाहों आदि के बयान दोबारा करवाए जाएंगे।

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