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Punjab News: अवमानना मामले में तीन वरिष्‍ठ अधिकारियों को नहीं मिली राहत, 17 नवंबर तक सुनवाई स्‍थगित

पंजाब में अवमानना मामले में तीन वरिष्‍ठ अधिकारियों को राहत नहीं मिल पाई है। जस्टिस जीएस संधावलिया एवं जस्टिस लपिता बनर्जी की डिविजन बेंच ने फिलहाल इन अधिकारियों को बिना कोई राहत दिए सुनवाई 17 नवंबर तक स्थगित कर दी है। हाई कोर्ट ने आदेशों के बावजूद कार्रवाई न करने पर इन अधिकारियों को इसका दोषी करार दे दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Thu, 09 Nov 2023 09:52 AM (IST)
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अवमानना मामले में तीन वरिष्‍ठ अधिकारियों को नहीं मिली राहत

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के तीन वरिष्ठ अधिकारियों विकास गर्ग, रमाकांत मिश्रा, विवेक प्रताप सिंह ने उन्हें एकल बैंच द्वारा अवमानना के तहत दोषी करार दिए जाने के आदेश को डिवीजन बैच में चुनौती दी है। जस्टिस जीएस संधावलिया एवं जस्टिस लपिता बनर्जी की डिविजन बेंच ने फिलहाल इन अधिकारियों को बिना कोई राहत दिए सुनवाई 17 नवंबर तक स्थगित कर दी है।

20 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई

एकल बैंच ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कम फाइनेंस कमिश्नर आइएएस विकास गर्ग, स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव विवेक प्रताप सिंह व प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फारेस्ट मोहाली आइएफएस रमाकांत मिश्रा को कोर्ट के आदेशों को न मानने का दोषी करार दिया था। तब हाई कोर्ट ने इन अधिकारियों को आदेश दिए थे कि 20 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई पर सजा सुना दी जाएगी।

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लैंड प्रिजार्वेशन एक्‍ट से किया गया था डी-लिस्‍ट

एकल बेंच ने यह आदेश ग्राम पंचायत बड़ी करोरां की याचिका पर दिए थे। वर्ष 2010 में गांव बड़ी करोरा और नड्डा की 1092 एकड़ जमीन को पंजाब लैंड प्रिजार्वेशन एक्ट से डी-लिस्ट किया गया था। साथ ही शर्त लगा दी गई थी की यहां कोई व्यवसायिक गतिविधि या निर्माण नहीं किया जाएगा।

अधिकारियों को इसको दोषी करार

2014 में एक याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि अगर यह फारेस्ट लैंड नहीं है तो यह शर्तें लागू नहीं होंगी, इसलिए नई अधिसूचना जारी की जाए। हाई कोर्ट को बताया गया था कि यह फारेस्ट लैंड नहीं है, बावजूद शर्तें नहीं हटाई। इसके खिलाफ याचिकाएं दाखिल होती रही, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। 12 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने आदेशों के बावजूद कार्रवाई न करने पर इन अधिकारियों को इसका दोषी करार दे दिया था।

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