Move to Jagran APP

पंजाब में मुफ्त बस सेवा पर खर्च की भरपाई के लिए लगाए दो नए टैक्स, तीन लाख से ज्यादा के कर्ज में डूबी मान सरकार

सरकार ने तीन दिन पहले पंजाब में पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाया है तथा नए वाहनों की खरीद पर लगने वाले मोटर व्हीकल टैक्स में 0.5 प्रतिशत से लेकर 2 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। अनुमान है कि इससे सरकार को 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। आर्थिक तंगी का सामना कर रही पंजाब सरकार पर वर्तमान में 3.27 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Sat, 24 Aug 2024 05:45 AM (IST)
Hero Image
पंजाब में मुफ्त बस सेवा पर खर्च की भरपाई के लिए लगाए दो नए टैक्स
 कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के बाद अब आम आदमी पार्टी के शासन वाले पंजाब में भी चुनाव जीतने के लिए मुफ्त में बांटी गई रेवडि़यों ने सरकार के मुंह स्वाद कड़वा कर दिया है। आप की दिल्ली सरकार के रास्ते पर चलते हुए पंजाब में तत्कालीन अमरिंदर सिंह सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी थी।

प्रतिवर्ष 600 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा

सत्ता में आने के भगवंत मान सरकार ने इसके फायदे-नुकसान का आकलन करने के बजाय जारी रखने का फैसला लिया। अब यह योजना उसके गले की फांस बन गई है। इसे जारी रखने से प्रतिवर्ष 600 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है। इसके लिए उसने अतिरिक्त आय का साधन ढूंढा है। सरकार ने तीन दिन पहले पंजाब में पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाया है तथा नए वाहनों की खरीद पर लगने वाले मोटर व्हीकल टैक्स में 0.5 प्रतिशत से लेकर 2 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है।

पंजाब सरकार पर वर्तमान में 3.27 लाख करोड़ कर्ज

अनुमान है कि इससे सरकार को 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। आर्थिक तंगी का सामना कर रही पंजाब सरकार पर वर्तमान में 3.27 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इस कर्ज पर उसे 22,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष ब्याज देना पड़ता है। कृषि के लिए किसानों को मुफ्त बिजली तथा घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट फ्री बिजली देने से लगभग 20,000 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का बोझ उठाना पड़ रहा है। इन बड़ी वित्तीय चुनौतियों के बीच महिलाओं को मुफ्त बस सेवा ने ट्रांसपोर्ट विभाग की आय का बड़ा हिस्सा बंद करके उसका बजट बिगाड़ दिया है।

स्मार्ट कार्ड योजना लाने की भी योजना बना रही सरकार

भले ही सरकार मुफ्त यात्रा पर खर्च के बदले ट्रांसपोर्ट विभाग को सब्सिडी देती है परंतु इस भुगतान में लेट-लतीफी से ट्रांसपोर्ट विभाग रोजमर्रा के खर्चों में भी परेशानी झेल रहा है। दो नए टैक्सों के अलावा सरकार मुफ्त बस सेवा में कटौती करने के लिए स्मार्ट कार्ड योजना लाने की भी योजना बना रही है। इस स्मार्ट कार्ड से मुफ्त सेवा को सीमित करने का प्रावधान किया जाएगा। अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

वैसे तो ग्रीन टैक्स व मोटर व्हीकल टैक्स की दरों में वृद्धि करके सरकार ने लगभग 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय की व्यवस्था कर ली है, परंतु मुफ्त बस सेवा पर अब भी 450 करोड़ रुपये का अंतर कैसे पूरा होगा, यह प्रश्न अभी बाकी है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।