Chandigarh News: ड्रग्स राज्य में बड़ा राजनीतिक मुद्दा, केंद्र से सरकार नहीं ले पाई वित्तीय सहायता- नित्यानंद राय
केंद्रीय राज्य मंत्री होम नित्यानंद राय ने कहा कि राज्य में 2017 व 2022 में दो ऐसे विधानसभा चुनाव हुए जब ड्रग्स प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन करके उभरा। इसके बावजूद राज्य सरकार ने ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए अभी तक केंद्र से कोई वित्तीय सहायता नहीं मांगी है। जबकि दूसरे राज्यों ने इसको लेकर वित्तीय सहायता प्राप्त कर ली।
By Rohit KumarEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Mon, 11 Dec 2023 07:15 PM (IST)
रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब पिछले दो दशक से ड्रग्स को लेकर के ग्रस्त है। राज्य में 2017 व 2022 में दो ऐसे विधानसभा चुनाव हुए जब ड्रग्स प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन करके उभरा। इसके बावजूद राज्य सरकार ने ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए अभी तक केंद्र से कोई वित्तीय सहायता नहीं मांगी है। जबकि दूसरे राज्यों ने वित्तीय सहायता प्राप्त कर ली।
2017 में जब गुटका साहिब हाथ में लेकर के तलवंडी साबो में एक चुनावी रैली में यह कहा था कि वह चार सप्ताह में नशे की कमर तोड़ देंगे, तो इसका लोगों पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ा। जिसके बाद कांग्रेस कांग्रेस 77 सीटें जीत कर सत्ता में आई।
पजांब सरकार ने नशे को रोकने के लिए चलाया है अभियान
2022 से आम आदमी पार्टी की सरकार ने भी नशे को रोकने के लिए बडे़ स्तर पर अभियान चल रखा है। लेकिन केंद्र की ओर से नशे को रोकने के लिए कोई वित्तीय सहायता नहीं ली जा रही। सीमावर्ती राज्य पंजाब में 2022 में ड्रग्स की बरामदगी से संबंधित मामलों में केरल के बाद दूसरी सबसे अधिक गिरफ्तारियां दर्ज की गई हैं।इसके बावजूद, केंद्र ने पिछले पांच वर्षों में ड्रग्स के नियंत्रण के लिए राज्य को कोई धन जारी नहीं किया है। केरल में एनडीपीएस एक्ट के तहत 29,527 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पंजाब में यह संख्या 16,831 थी।
मिजोरम को मिली सबसे ज्यादा फंडिंग
योजना के तहत मिजोरम को सबसे ज्यादा 3,07,78,000 रुपये की केंद्रीय फंडिंग मिली, जबकि राज्य में 1,129 गिरफ्तारियां हुईं। कर्नाटक को 1,94,41,097 रुपये की दूसरी सबसे बड़ी फंडिंग मिली और 6,884 गिरफ्तारियां हुईं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश क्रमशः 11,400 और 10,732 गिरफ्तारियों हुई।केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद साझा किए आंकड़े
केंद्रीय राज्य मंत्री होम नित्यानंद राय की ओर से संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2018-19 के बाद पंजाब को मादक द्रव्य नियंत्रण के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता योजना के तहत कोई धनराशि नहीं मिली।
ये भी पढ़ें- नशा तस्करी के आरोप में पुलिस ने छह आरोपित किए गिरफ्तार, हेरोइन व अफीम सहित ड्रग मनी बरामदइस अवधि के दौरान केरल को 10,04,357 रुपये आवंटित किए गए। पड़ोसी राज्य हरियाणा को इस उद्देश्य के लिए 96,57,387 रुपये मिले, जबकि हिमाचल को 1,29,94,125 रुपये मिले।
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