Move to Jagran APP

पंजाब में बजट पर बहस में उठा यूपी के मुख्तार अंसारी का मुद्दा, जेल मंत्री बोले- कांग्रेस ने दिया वीआइपी ट्रीटमेंट

पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने पंजाब में यूपी के गैंगस्टर को जेल में वीआइपी ट्रीटमेंट दिया। मुख्तार अंसारी के साथ जेल में पत्नी भी रही। उसके बचाव में 55 लाख रुपये खर्च किए गए।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2022 02:15 PM (IST)
पंजाब में बजट पर बहस में उठा यूपी के मुख्तार अंसारी का मुद्दा, जेल मंत्री बोले- कांग्रेस ने दिया वीआइपी ट्रीटमेंट
हरजोत सिंह बैंस व मुख्तार अंसारी की फाइल फोटो।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का मुद्दा उठा। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैंस ने खुलासा किया है कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पर एक जाली केस दर्ज कर पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया, जिसमें उसके साथ उसकी पत्नी भी रहती थी।

हरजोत बैंस ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान मुख्तार अंसारी को वीआइपी ट्रीटमेंट देने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई। यही नहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने अंसारी को ले जाने के लिए 26 बार वारंट जारी किए तब भी उसे यहां से जाने नहीं दिया गया।

बैंस ने कहा कि इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में जिरह के लिए पूर्व की कांग्रेस सरकार ने अंसारी के बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक ऐसे वकील की सेवाएं ली जिसकी 11 लाख रुपया प्रति पेशी फीस थी।

जेल मंत्री ने कहा कि मुख्तार अंसारी की पांच पेशियां हुई। आज पंजाब को इस केस में वकील की फीस देने के लिए 55 लाख रुपया खर्च करना पड़ रहा है। उन्होंने कांग्रेस के विधायकों से पूछा कि आखिर पंजाब के लोग उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर के लिए पैसा खर्च क्यों करें।

जेल मंत्री हरजोत बैंस ने कहा कि उन्होंने इस मामले का कड़ा संज्ञान लिया गया है। मामले में सभी जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच शुरू करवा दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ केस भी दायर किए जाएंगे।

जेल मंत्री की इस टिप्पणी से विधानसभा में कांग्रेस विधायक असहज हो गए। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इस बात पर आपत्ति जताई कि बजट पर बहस के दौरान ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि अगर ये मुख्तार अंसारी की बात करेंगे तो हम लारेंस बिश्नोई का मामला भी उठाएंगे। यह बजट पर बहस हो रही है न कि राज्य की कानून व्यवस्था पर।